मोहम्मद शमी, नैनीताल जा रहे थे आगे चल रही कार का हो गया एक्सीडेंट जानें
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) मैदान में जितना अपनी आक्रामक गेंदबाजी के चलते जाने जाते हैं, उतना ही अपने पर्सनल जीवन में विनम्र और दूसरों की सहायता करने वाले आदमी के तौर पर भी पहचाने जाते हैं। अपने इस स्वभाव की वजह से ही उन्होंने एक दुर्घटनाग्रस्त कार चालक की जान बचाई। उन्होंने इस घटना का जिक्र अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर किया है। मोहम्मद शमी की भतीजी युमना फातिमा और चचेरी बहन अमीरा उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित सेंट मैरी कॉन्वेंट में पढ़ती हैं। वह उन्हें छुट्टियों में घर ले जाने के लिए नैनीताल जा रहे थे। नैनीताल से कुछ किलोमीटर पहले उनके आगे चल रही एक कार अचानक अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
कार का एक्सीडेंट होते देख मोहम्मद शमी और उनके साथियों ने फौरन अपनी कार रोकी और घायल कार चालक को किसी तरह बाहर निकाला। उसे अधिक चोट नहीं लगी थी। शमी ने अपनी कार से फर्स्ट एड बॉक्स निकाल स्वयं घायल को प्राथमिक इलाज दिया। मोहम्मद शमी ने इंस्टाग्राम पर इस घटना का एक वीडियो शेयर कर इसकी जानकारी दी है।
स्कूल प्रशासन को नहीं हुआ यकीन
बता दें कि मोहम्मद शमी जैसे ही सेंट मैरी कॉन्वेंट पहुंचे, वहां टीचर और अन्य स्टाफ को एक बार के लिए विश्वास ही नहीं हुआ। विद्यालय की प्रिंसिपल मंजुसा के अनुसार, वह अचानक मोहम्मद शमी के आने से स्वयं हैरत में पड़ गई थीं। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था, लेकिन जब सामने भारतीय टीम के स्टार बॉलर को देखा, तो उन्हें काफी अच्छा लगा। शमी ने विद्यालय परिसर घूमा और शैक्षणिक माहौल की प्रशंसा की। इस दौरान विद्यालय टीचर, स्टाफ और बच्चों ने उनके साथ खूब फोटो भी खिंचाईं।
पत्नी का जन्मदिन मनाने नैनीताल आए थे धोनी
बताते चलें कि हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) भी अपनी पत्नी साक्षी धोनी का जन्मदिन मनाने के लिए नैनीताल पहुंचे थे। 19 नवंबर को उनका जन्मदिन था और उसी दिन क्रिकेट वर्ल्डकप का फाइनल मैच भी। धोनी ने यहीं भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए फाइनल को देखा था। नैनीताल आने से पहले माही अपने पैतृक गांव अल्मोड़ा के ल्वाली गए थे। वहां उन्होंने पूजा-अर्चना की और गांव वालों के साथ काफी वक़्त बिताया था। इससे पहले वह 2003 में अपने गांव आए थे।