BCCI के फैसले से खुश हुए कप्तान रोहित
BCCI Test Cricket Incentive Plan: टेस्ट क्रिकेट को अहमियत देने के वादे पर खरे उतरते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उन खिलाड़ियों के लिए हर मैच 45 लाख रुपये का प्रोत्साहन देने का निर्णय किया जो हर सीजन में निर्धारित 75 फीसदी या इससे अधिक मैच खेलते हैं। BCCI सचिव जय शाह ने शनिवार को इसकी घोषणा की। एक टेस्ट खिलाड़ी जो एक सीजन में लगभग 10 टेस्ट मैच में हिस्सा लेता है, उसे बतौर प्रोत्साहन 4.50 करोड़ रुपये की मोटी रकम मिलेगी जो उसकी संभावित 1.5 करोड़ रुपये की मैच फीस (प्रत्येक मैच 15 लाख रुपये) से इतर होगी।
BCCI के निर्णय से खुश हुए कप्तान रोहित
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के इस ऐतिहासिक निर्णय से टीम इण्डिया के कप्तान रोहित शर्मा बहुत खुश नजर आए हैं। रोहित शर्मा ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की है। रोहित शर्मा ने सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के इस निर्णय का स्वागत करते हुए लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट वास्तविक फॉर्मेट था और रहेगा। बीसीसीआई और जय शाह जिस तरह टेस्ट क्रिकेट को अहमियत दे रहे हैं, उसे देखकर काफी अच्छा लगा।‘
अब टेस्ट क्रिकेटर्स की होगी जबरदस्त कमाई
बता दें कि BCCI सचिव जय शाह ने बोला कि बोर्ड 2022-23 और 2023-24 सीजन के लिए करीब 45 करोड़ रुपये की राशि खर्च करेगा। जय शाह ने कहा, ‘इस योजना से खिलाड़ियों को भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) कॉन्ट्रैक्ट से कहीं अधिक कमाई होगी। यह दिखाता है कि आईपीएल जरूरी है, लेकिन द्विपक्षीय क्रिकेट भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें कुल राशि 45 करोड़ रुपये खर्च होगी। मुझे सीनियर पुरुष टीम के लिए ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना’ की आरंभ करने की घोषणा करके खुशी हो रही है, क्योंकि यह कदम हमारे खिलाड़ियों को वित्तीय विकास और स्थिरता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।’
जय शाह ने कहा, ‘2022-23 सत्र से ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना’ टेस्ट मैच के लिए मौजूदा 15 लाख रुपये की मैच फीस के लिए अतिरिक्त पुरस्कार के तौर पर काम करेगी।’ यह प्रोत्साहन पूर्वप्रभावी होगा जिसका असर 2022-23 सत्र के दौरान टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर भी होगा।
रोहित शर्मा के उदाहरण से समझिए
उदाहरण के तौर पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 2023-24 सत्र के दौरान सभी 10 टेस्ट (वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध दो-दो, इंग्लैंड के विरुद्ध पांच) खेले हैं तो उन्हें टेस्ट क्रिकेट को अहमियत देने के लिए 1.5 करोड़ रुपये (15 लाख गुणा 10) की मैच फीस मिलेगी। उन्हें 4.5 करोड़ रुपये (45 लाख गुणा 10) भी मिलेंगे।
इसलिए उनकी टेस्ट क्रिकेट से ही छह करोड़ रुपये की कमाई हो जाएगी। इसमें यदि हर सीजन की सात करोड़ रूपये की उनकी सालाना रिटेनरशिप भी जोड़ दी जाए तो उनकी कमाई 13 करोड़ रुपये हो जाएगी। यह निश्चित रूप से उनके एक सीजन में वनडे (प्रत्येक मैच आठ लाख रुपये) और टी20 अंतर्राष्ट्रीय (प्रत्येक मैच चार लाख रुपये) मैच के लिए मिलने वाली राशि से इतर होगी।
रिजर्व खिलाड़ियों को भी होगा जबरदस्त फायदा
बीसीसीआई ने इस गणना को समझाते हुए एक सत्र में औसत नौ टेस्ट लिए हैं। यदि कोई इनमें से 50 फीसदी मैच (इसे देखते हुए चार या कम) खेलता है तो उसे 15 लाख रुपये (प्लेइंग इलेवन में खेलने के लिए) मिलेंगे और रिजर्व खिलाड़ियों को इसकी आधी राशि मिलेगी। लेकिन यदि वह इनमें से 50 से 75 फीसदी मैच (नौ में से पांच से छह मैच) तो उसे प्रत्येक मैच 30 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
अगर एक खिलाड़ी ने एक सीजन में छह टेस्ट खेले तो उसे मौजूदा मैच फीस 90 लाख रुपये (15 लाख रुपये गुणा छह) और 1.8 करोड़ रुपये (30 लाख रुपये गुणा छह) का प्रोत्साहन मिलेगी जिससे उसे 2.70 करोड़ रुपये मिलेंगे। अनुभवी क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा और उमेश यादव को इस वर्ष अनुबंध नहीं मिला है तो उन्हें पिछले सत्र के लिए उनकी ‘प्रोत्साहन’ राशि दी जाएगी। साथ ही टॉप क्रिकेटरों को सालाना सेन्ट्रल कॉन्ट्रैक्ट के भीतर ‘रिटेनर फीस’ भी मिलेगी।