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भारतीय तीरंदाजों ने ओलंपिक चैम्पियन दक्षिण कोरिया को पछाड़ते हुए हासिल की ऐतिहासिक जीत

भारतीय पुरुष रिकर्व टीम के धीरज बोम्मदेवरा, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव ने मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन दक्षिण कोरिया को पछाड़ते हुए रविवार को यहां 14 वर्ष बाद तीरंदाजी विश्व कप में ऐतिहासिक जीत हासिल की.

यह विश्व कप के आखिरी मुकाबले में भारतीय पुरुष रिकर्व टीम की पहली जीत है और इससे आनें वाले पेरिस ओलंपिक में स्थान पक्की करने की उनकी संभावनाओं को बल मिलेगा.धीरज, तरूणदीप और प्रवीण की तिकड़ी ने बहुत बढ़िया संयम दिखाते हुए एक भी सेट गंवाए बिना बहुत मजबूत कोरियाई खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन किया.

सेना के 40 वर्ष के तरूणदीप अगस्त 2010 में शंघाई विश्व कप के चौथे चरण में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे. तब राहुल बनर्जी, तरूणदीप और जयंत की रिकर्व टीम ने जापान को हराया था.स्पर्धा की शीर्ष दो वरीयता प्राप्त टीमों के मुकाबले में हिंदुस्तान ने 5-1 (57-57, 57-55, 55-53) से जीत हासिल की. मौजूदा विश्व कप में हिंदुस्तान का यह पांचवां स्वर्ण पदक है.

इस बहुत बढ़िया कामयाबी के बाद अंकिता भकत और धीरज की रिकर्व मिश्रित टीम ने भी कांस्य पदक जीतकर भारतीय दल की खुशी में बढ़ोत्तरी किया. भारतीय जोड़ी ने मेक्सिको की एलेजांद्रा वेलेंशिया और मटियास ग्रांडे की जोड़ी को 6-0 (35-31, 38-35, 39-37) से शिकस्त दी.

मां बनने के बाद खेल से दूर रही अनुभवी  दीपिका कुमारी स्त्री रिकर्व के पर्सनल फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकी. उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा.विश्व रैंकिंग की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी ने 30वीं वरीयता प्राप्त होने के बाद प्रतियोगिता में काफी नीचे से आरंभ की थी. उन्होंने क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में दो कोरियाई खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाया लेकिन फाइनल में दीपिका हांग्झोउ एशियाई खेलों की चैंपियन लिम सिह्योन से सीधे सेटों में 6-0 (26-27, 27-29, 27-28) से हार गईं.

खिताबी दौर में दीपिका की आरंभ खराब रही और उनका दूसरा तीर सात-अंक वाले रिंग में लगा.उभरती हुई 20 वर्ष की तीरंदाज लिम ने केवल एक अंक गवां कर दूसरा सेट जीता और स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
भारत ने इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन से आठ पदक (पांच स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य) जीते.

पुरुष टीम के फाइनल में हिंदुस्तान का मुकाबला उस कोरियाई टीम से था जिसके दो खिलाड़ी तोक्यो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता टीम के सदस्य थे. कोरियाई टीम में स्वर्ण पदक विजेता किम वूजिन और किम जे डेओक के अतिरिक्त ली वू सियोक तीसरे सदस्य थे.

भारतीय तिकड़ी ने धैर्यपूर्ण प्रदर्शन किया और शुरुआती सेट में तीन बार 10 अंक वाले निशाने के साथ के साथ कोरिया की बराबरी की. इसमें से दो एक्स (निशाने के क्रेंद के करीब) के साथ नौ अंक वाले तीन निशाने शामिल थे. इस सेट में दोनों टीमों ने 57-57 अंक बनाये.

भारत के बहुत बढ़िया खेल से कोरियाई टीम दबाव में आ गयी और उसके तीरंदाजों ने दो बार आठ अंक वाले निशाने लगाये. इसके उलट हिंदुस्तानियों ने छह तीरों से तीन एक्स सहित 10 अंक वाले चार निशाने लगाये और दूसरा सेट 57-55 से जीत कर 3-1 की बढ़त ले ली.

तीसरे सेट में कोरिया के प्रदर्शन में और गिरावट आयी और टीम केवल 53 अंक ही बना सकी. भारतीय तीरंदाजों ने धैर्यपूर्ण खेल के साथ 55 अंक बनाये और 2010 के बाद पहली बार पुरूष वर्ग का टीम खिताब जीता.इस जीत से पहले स्त्री टीम ने 2013 विश्व कप में दो बार जुलाई में मेडेलिन तीसरे चरण और अगस्त में व्रोकला चौथे चरण में कोरियाई टीमों को हराया था.

राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता और शंघाई 2010 की जीत के सदस्य राहुल बनर्जी ने कहा, ‘‘जब कोरिया फाइनल में होता है तो घबराहट हमेशा होती है. लेकिन अब कोई भी उन्हें हराने की हमारी क्षमता पर शक नहीं कर सकता है.’’उन्होंने कहा, ‘‘वे क्वालीफाइंग दौर से ही ठीक लय दिखा रहे हैं और यह निश्चित रूप से तीरंदाजी में सबसे बड़ी जीत में से एक है. उन्हें अब पेरिस तक इस लय को बरकरार रखना होगा.’’

भारत ने तीरंदाजी में पेरिस ओलंपिक के लिए अभी तक केवल कोटा हासिल किया है. यह कोटा धीरज ने पुरुष पर्सनल वर्ग में अर्जित किया है.ओलंपिक के लिए अंतिम ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धा 18 से 23 जून तक तुर्की के अंताल्या में विश्व कप का तीसरा चरण है, जिसके बाद टीम रैंकिंग के आधार पर दो अतिरिक्त कोटा मिलेगा. यह पहली बार है जब टीम रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक कोटा मिलेगा.

क्वालीफायर से पेरिस का टिकट कटाने में असफल रही टीमों में से दो सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग की टीमों को ओलंपिक जाने का मौका मिलेगा.भारत (231 अंक) अब विश्व रैंकिंग में चीन (241) और शीर्ष पर काबिज दक्षिण कोरिया (340) के बाद तीसरे जगह पर है और पेरिस ओलंपिक में स्थान बनाने के लिए अच्छी स्थिति में है.

इससे पहले शनिवार को भारतीय कंपाउंड तीरंदाजों ने टीम स्पर्धाओं में पुरुष, स्त्री और मिश्रित टीम में स्वर्ण पदक जीते थे.मौजूदा एशियाई खेलों की चैंपियन ज्योति सुरेखा वेन्नम ने स्त्रियों के कंपाउंड पर्सनल वर्ग में चौथा स्वर्ण पदक जीता, जबकि प्रियांश ने मर्दों के पर्सनल कंपाउंड वर्ग में पहला विश्व कप रजत पदक जीता.

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