जम्मू-कश्मीर पर बोलते हुए आज गृह मंत्री अमित शाह ने कह दी ये बड़ी बात
Amit Shah Speech on Nehru Blunder: जम्मू और कश्मीर पर बोलते हुए आज गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी बात कह दी।आर्टिकल 370 पर विपक्षी दलों के नेताओं के प्रश्नों पर उन्होंने बोला कि अंग्रेजों ने आजादी के समय जो स्कीम बनाई थी, कांग्रेस पार्टी ने जिसे अप्रूव किया उसमें पूरा अधिकार महाराजा का था।देशभर में कहीं भी पब्लिक से नहीं पूछा गया, क्यों जम्मू और कश्मीर में पूछना? जहां तक वादे की बात है तो चलो मान लेते हैं कि संविधान निर्माताओं ने वादा किया था मगर आप आधा-अधूरा पढ़ते हो इसलिए कन्फ्यूजन होता है।आर्टिकल 370 के ऊपर टेंपररी प्रोविजन लिखा गया था।आजीवन अधिकार हो गया? ना जी हौसला नहीं थी, नरेंद्र मोदी जी ने हौसला की और धारा 370 को खत्म किया।कोई वादाखिलाफी नहीं।कश्मीर में विकास कार्यों और परिवर्तन का जिक्र करते हुए शाह ने ‘नेहरूवियन ब्लंडर’ शब्द की बात कही।शाह कहे कि नेहरू के समय में जो ब्लंडर हुआ था उसके कारण कश्मीर को भुगतना पड़ा।
शाह ने अपने अंदाज में बोला कि मैं इस सदन में खड़े होकर पूरी जम्मेदारी के साथ कहता हूं कि दो बड़ी गलतियां जो पंडित जवाहरलाल नेहरू के पीएम काल में हुईं, उनके लिए गए निर्णयों से हुई, इसके कारण वर्षों तक कश्मीर को सहन करना पड़ा।शाह ने गिनाया:
1. सबसे बड़ी गलती- जब हमारी सेना जीत रही थी।पंजाब का एरिया आते ही सीजफायर कर दिया गया और पाक अधिकृत कश्मीर का जन्म हुआ।अगर सीजफायर 3 दिन लेट होता तो पीओके आज हिंदुस्तान का हिस्सा होता।इसके फौरन बाद अधीर रंजन चौधरी खड़े हुए और शाह पर भड़क गए।उन्होंने बोला कि आजादी की लड़ाई के समय आप लोग कहां थे? इस पर शाह ने चुटकी लेते हुए बोला कि तब मेरा जन्म नहीं हुआ था।स्पीकर भी उसी मूड में दिखे।ओम बिरला ने अधीर को टोकते हुए बोला कि बता दो साहब इनको एक बार दूसरी गलती।गलती नहीं संदर्भ सॉरी।
2. यूएन के हमारे मसले को ले जाने की बहुत बड़ी गलती की।
शाह ने एक पत्र का हिस्सा भी पढ़ा- ‘यूनाइटेड नेशन के अनुभवों के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि वहां से कुछ संतोषजनक नतीजे की आशा नहीं की जा सकती।मुझे यह एक अच्छा निर्णय लगा (सीजफायर) लेकिन इस मसले को ठीक से नहीं निपटा गया।हम सीजफायर पर और विचार करके कुछ बेहतर मार्ग निकाल सकते थे।मुझे लगता है कि भूतकाल में यह हमारे द्वारा की गई गलती है।’ शाह ने कांग्रेस पार्टी सदस्यों की तरह मुंह करके बोला कि इस पर विरोध है।यह स्वयं जवाहरलाल नेहरू ने बोला है।शाह ने संदर्भ भी बता दिया।
गृह मंत्री अमित शाह जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर बोल रहे थे। शाह ने नेहरू का कोट पढ़ा तो सदन में काफी बवाल हुआ। शाह ने बोला कि लोग मुझ पर गुस्सा हो रहे हैं। मैंने जो पढ़ा है वह नेहरू जी ने शेख अब्दुल्ला जी को लिखा है। शाह रुके नहीं। उन्होंने बोला कि उस समय जब यूएन में मुद्दा भेजना था उस समय भी फैसला आनन फानन में लिया गया।