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West Bengal Loksabha : क्या सफल होगा ममता बनर्जी का एकला चलो अभियान…

पश्चिम बंगाल में INDIA गठबंधन की एकजुटता की संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई हैं तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का घोषणा कर दिया है तृणमूल कांग्रेस पार्टी के एकला चलो की घोषणा के बाद बंगाल में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन की आशा धूमिल पड़ गई है हालांकि, स्वयं सीएम ममता बनर्जी के लिए राह सरल नहीं है

तृणमूल कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच पश्चिम बंगाल में गठबंधन नहीं हो पाने की कई वजह हैं, पर मुख्य वजह कांग्रेस पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी की बयानबाजी है अधीर रंजन 2023 से लगातार सीएम ममता बनर्जी पर हमले कर रहे हैं INDIA गठबंधन की पटना में हुई पहली बैठक में ममता बनर्जी ने आपस में बयानबाजी न करने का मामला उठाया था, पर अधीर चुप नहीं हुए

अधीर को घेरने के लिए क्रिकेटर यूसुफ पठान को टिकट
प्रदेश कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बोला कि अधीर रंजन चौधरी तृणमूल कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन के लिए तैयार नहीं थे अधीर ने यह संकेत भी दिए थे कि पार्टी सीएम ममता बनर्जी के साथ गठबंधन करती है, तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे शायद यही वजह है कि अधीर रंजन चौधरी को घेरने के लिए ममता बनर्जी ने बहरामपुर सीट से क्रिकेटर यूसुफ पठान को टिकट दिया है

न्याय यात्रा का न्योता नहीं मिलने से भी नाराज थीं ममता
इसके साथ ममता बनर्जी सीट शेयरिंग को लेकर हो रही देरी और हिंदुस्तान जोड़ो इन्साफ यात्रा का न्योता नहीं मिलने से भी नाराज थीं इन्साफ यात्रा के पश्चिम बंगाल में दाखिल होने से ठीक एक दिन पहले सीएम ने बोला था कि शिष्टाचार के नाते भी उन्हें यात्रा की जानकारी नहीं दी गई हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने सफाई देते हुए बोला था कि पार्टी अध्यक्ष ने गठबंधन के सभी सहयोगियों को पत्र लिखा था बहरहाल, सभी सीट पर प्रत्याशियों के घोषणा के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए हैं

ममता के लिए सरल नहीं राह
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को सीधे मुकाबले की चुनौती दी है, पर यह इतना सरल नहीं है कांग्रेस पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि एकला चलो के निर्णय से ममता बनर्जी को सियासी हानि हो सकता है संदेश खाली के मामले पर बीजेपी पहले ही काफी आक्रामक है ऐसे में भिन्न-भिन्न चुनाव लड़ने से बीजेपी विरोधी वोट में बंटवारा होगा और इसका लाभ बीजेपी को मिल सकता है यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी अभी भी तृणमूल के विरुद्ध नरम है

तृणमूल कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के बीच वोट फीसदी में बहुत अधिक फर्क नहीं
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के बीच वोट फीसदी में बहुत अधिक फर्क नहीं है तृणमूल को 43 प्रतिशत वोट के साथ 22 सीट मिली थी, जबकि बीजेपी को 40 फीसदी वोट के साथ 18 सीट मिली थी वहीं, 2014 में बीजेपी ने केवल 17 फीसदी वोट के साथ दो सीट हासिल की थी वहीं, इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने करीब आठ प्रतिशत वोट बरकरार रखा है ऐसे में INDIA गठबंधन की स्थिति में बीजेपी की कई सीट कठिन में फंस सकती थी

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सीएम ममता बनर्जी के सभी सीट पर उम्मीदवारों के घोषणा कर बोला कि कांग्रेस पार्टी हमेशा तृणमूल के साथ सम्मानजनक सीट बंटवारा चाहती थी हमारे दरवाजे वार्ता के लिए हमेशा खुले हैं, पर उम्मीदवारों का एकतरफा घोषणा नहीं होना चाहिए था वह नहीं जानते कि तृणमूल पर क्या दबाव था जहां तक कांग्रेस पार्टी का ताल्लुक है, हम पश्चिम बंगाल में INDIA गठबंधन को मजबूत करना चाहते हैं पार्टी अब अपनी रणनीति तय करेगी

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