केंद्रीय मंत्री की गारंटी को समझिए: राम मंदिर पूरा हो गया, CAA 7 दिन में होगा लागू
Shantanu Thakur Guarantee On CAA: भाजपा समर्थकों का मानना है कि राम मंदिर (Ram Mandir) का वादा पूरा हो चुका है और अब अगली नजर सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) है। पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि 7 दिनों के अंदर राष्ट्र में CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून लागू हो जाएगा। जान लें कि शांतनु ठाकुर पश्चिम बंगाल से ही सांसद हैं। शांतनु ठाकुर ने एक जनसभा में बोला कि वो मंच से गारंटी दे रहे हैं कि अगले 7 दिन में केवल बंगाल ही नहीं, पूरे राष्ट्र में CAA लागू होगा। आइए समझते हैं कि इसके क्या अर्थ हैं।
अगले 7 दिन में पूरे राष्ट्र में CAA?
बता दें कि केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने दावा किया है कि 7 दिन में CAA लागू हो जाएगा। बंगाल ही नहीं, पूरे राष्ट्र में 7 दिन में CAA लागू होगा। राष्ट्र के हर राज्य में CAA लागू होगा। राष्ट्र में CAA लागू होगा ये मेरी गारंटी है।
क्या है सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट?
जान लें कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 3 पड़ोसी राष्ट्रों के प्रवासियों की नागरिकता से जुड़ा कानून है। ये पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रवासियों के लिए नियम है। CAA से इन 3 राष्ट्रों के 6 गैर मुसलमान प्रवासियों को नागरिकता दी जाएगी। इसमें गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियमों में ढील दी गई है। ये हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई के लिए नागरिकता है। सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 31 दिसंबर 2014 से पहले आए प्रवासियों के लिए है। सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट नागरिकता कानून 1955 के आधार पर बना है।
सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट कब बना?
गौरतलब है कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट दिसंबर 2019 में संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था। यह पाकिस्तान,अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए है। इसका मकसद 3 पड़ोसी राष्ट्रों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देना है।
सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट में क्या नहीं है?
CAA में किसी की नागरिकता छीने जाने का प्रावधान नहीं है। इसका विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि इसमें 3 राष्ट्रों के अल्पसंख्यकों को ही शरण देने का प्रावधान है। मुसलमान इसमें शामिल नहीं हैं। नागरिकता दिए जाने की पूरी प्रक्रिया औनलाइन होगी। आवेदक अल्पसंख्यकों यानी गैरमुस्लिमों को डॉक्यूमेंट्स नहीं देने होंगे। 9 राज्यों में जिलों के डीएम को नागरिकता देने का अधिकार होगा।