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राजनीति में उठापटक का दौर जारी, मुख्यमंत्री सुक्खू ने पद से दिया इस्तीफा

 हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के राजनीति में उठापटक का दौर जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने इस्तीफा देने की पेशकश की है। उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है।

सूत्रों से मिली खबर

सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आलाकमान को यह संदेश भेज दिया है कि अगर उनके कुर्सी छोड़ने से पार्टी टूटने से बच जाती है या कांग्रेस पार्टी की सरकार बचती है, तो वह इस्तीफा देने को तैयार हैं।

 

सुक्खू सरकार पर मंडराने लगे थे बादल

आपको बता दें कि राज्यसभा के चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद से सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के ऊपर संकट के बदले मंडराने लगे थे। माना जा रहा था कि वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह और उनके खेमे के विधायक बजट सत्र के दौरान कोई बड़ा निर्णय लेंगे और उसी के अनुरूप आज जब बागी विधायक विधानसभा सत्र में लौटे तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का साथ देने की बात कही।

मंत्री विक्रमादित्य ने दिया था इस्तीफा

इतना ही नहीं कुछ देर बाद ही वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया। वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा देने की बात करते हुए मीडिया के सामने भावुक होकर अपने पिता के अपमान की बात कही। उन्होंने कहा कि जिसके नाम पर सरकार बनी, उसे इस सरकार ने उपेक्षित किया है। उनके पिता की मूर्ति लगवाने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार दो गज जमीन भी नहीं दी। ऐसे में उनका सरकार में बने रहना ठीक नहीं है।

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