आठ पूर्व जवानों के भारत लौटने से उनके परिवारों में खुशी का माहौल
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के आठ पूर्व जवानों के हिंदुस्तान लौटने से उनके परिवारों में खुशी का माहौल है और साथ ही इसे हिंदुस्तान की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। कतर ने प्रारम्भ में आठ पूर्व नौसेना कर्मियों को मृत्यु की सजा सुनाई, लेकिन फिर ऑफिसरों की मृत्यु की सजा को जीवन भर जेल में बदल दिया। इस दौरान उन्हें कारावास से बाहर निकालने की हर संभव प्रयास की जा रही थी, जो अब सफल हो गई है। जहां इस कूटनीतिक जीत का श्रेय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया जा रहा है।यह तब संभव हुआ जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने इसमें बहुत अहम किरदार निभाई।
जानें अजीत डोभाल का रोल
1 दिसंबर 2023 को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर की कारावास में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसेना ऑफिसरों की रिहाई पर चर्चा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उसके बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कतर के वरिष्ठ ऑफिसरों के साथ लगातार बैठकें कर चुके हैं। इन बैठकों में अजीत डोभाल ने कारावास में बंद पूर्व नौसेना ऑफिसरों की रिहाई के लिए कतरी ऑफिसरों पर बल दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि कतर ने आठ ऑफिसरों को रिहा करने का निर्णय किया।
जानें क्या था पूरा मामला
निजी कंपनी अल दहरा में काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मुद्दे में अगस्त 2022 में अरैस्ट किया गया था। जिसके बाद पिछले वर्ष 25 मार्च को आठ भारतीय नौसेना कर्मियों के विरुद्ध इल्जाम दर्ज किए गए और उन पर कतरी कानून के अनुसार केस चलाया गया। 26 अक्टूबर को कतर की एक न्यायालय ने हिरासत में लिए गए पूर्व नौसेना ऑफिसरों को मृत्यु की सजा सुनाई। जिसके बाद 28 दिसंबर को वहां की न्यायालय ने पूर्व नौसेना ऑफिसरों को मृत्यु की सज़ा न देकर भिन्न-भिन्न अवधि के लिए कारावास की सज़ा सुनाई।
आतंकियों का समर्थक है कतर
पूरी दुनिया इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि कतर आतंकी समूहों का सबसे बड़ा समर्थक होने के साथ-साथ आतंकी संगठनों का एक बड़ा फाइनेंसर भी है। कतर जिन लोगों की सहायता करता है उनमें मुसलमान ब्रदरहुड, अल नुसरा फ्रंट, हमास, अल कायदा, इस्लामिक स्टेट, स्टेट जैसे संगठनों के नाम शामिल हैं। इसके पीछे उसकी मंशा स्वयं को इस्लामिक राष्ट्र में सबसे शक्तिशाली साबित करना है।
आर्थिक रूप से काफी मजबूत है कतर
कतर आकार में बहुत छोटा राष्ट्र है, लेकिन इसके पास दुनिया का सबसे बड़ा गैस भंडार है। जो कतर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है। कतर की धरती अरबों-खरबों रुपए के गैस भंडार से भरी हुई है। रिपोर्ट्स की मानें तो इसका विदेशी मुद्रा भंडार 64.56 अरब $ के पार पहुंच गया है। यही वजह है कि कोई भी कतर का विरोध नहीं कर सकता, ये गैस भंडार ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।