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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एक बार फिर से फटकार कहा- विज्ञापनों पर करोड़ों खर्च…

Supreme Court Reprimanded Delhi Govt For RRTS Project: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली गवर्नमेंट को एक बार फिर से फटकार लगाई है इस बार न्यायालय ने दिल्ली गवर्नमेंट को राजस्थान के अलवर और हरियाणा के पानीपत में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए फंड न देने के लिए फटकार लगाई है इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली गवर्नमेंट से प्रश्न किया कि उनके यदि पास विज्ञापन और प्रचार करने के लिए पैसे हैं, तो रेल प्रोजेक्ट के लिए क्यों नहीं है

जज ने लगाई फटकार 

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने बोला कि आप विज्ञापन के लिए 500 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर सकते हैं लेकिन आप रेल प्रोजेक्ट के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान नहीं कर सकते? इसके साथ ही न्यायालय ने दिल्ली गवर्नमेंट को अपने हिस्से का पूरा भुगतान करने का निर्देश दिया और सुनवाई 7 दिसंबर तक के लिए टाल दी

बजटीय प्रावधान पर गौर करें राज्य सरकार

सुप्रीम न्यायालय ने बोला कि राज्य गवर्नमेंट को बजटीय प्रावधान पर गौर करना चाहिए यदि ऐसे राष्ट्रीय प्रोजेक्ट फंड की वजह से प्रभावित होते हैं और विज्ञापनों पर पैसा खर्च किया जाता है ऐसे में विज्ञापनों के फंड को इस तरह कि परियोजना के लिए ट्रांसफर करने का निर्देश दिया जाए

 

पहले भी लगी थी फटकार

बता दें कि, पिछली सुनवाई में भी न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिल्ली गवर्नमेंट पर सख्त की थी जिसमे न्यायालय ने बोला था कि यदि आप तीन वर्षों में विज्ञापन पर 1100 करोड़ रुपए खर्च कर सकते हैं, तो रेल प्रोजेक्ट्स के लिए फंड उपलब्ध करवा ही सकते हैं

दिल्ली के परिवहन मंत्री का बयान

पिछले हफ्ते, शुक्रवार को दिल्ली गवर्नमेंट ने बोला था कि उसने 28 नवंबर की उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा से 4 दिन पहले क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) परियोजना के लिए 415 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं दिल्ली के परिवहन मंत्री अशोक गहलोत के कार्यालय से जारी एक बयान में बोला गया, ‘आज, 24 नवंबर को परिवहन विभाग द्वारा एनसीआरटीसी को 415 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है

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