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खुल गया एसीपी के बेटे की हत्या का राज, जानें क्या थी वजह

दिल्ली पुलिस में एसीपी के पद पर तैनात एसीपी यशपाल सिंह के बेटे लक्ष्य की मर्डर के मुद्दे में बड़ा अपटेड सामने आया है. पुलिस ने उसकी मर्डर के कारण और आरोपी का पता लगा लिया है. लेकिन, लक्ष्य का मृतशरीर अब तक नहीं मिल पा रहा है जिसकी तलाश जारी है.

आउटर नॉर्थ जिले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ में एसीपी यशपाल सिंह ने 23 जनवरी को रात 11.20 बजे अपने 26 वर्षीय बेटे लक्ष्य के गुमशुदा होने की कम्पलेन दर्ज कराई थी. पुलिस के मुताबिक लक्ष्य अपने घर की ईकोस्पोर्ट कार से विकास भारद्वाज नामक एक शख्स के साथ एक शादी कार्यक्रम में गया था.

पूछताछ में क्या कहा आरोपी

विकास भारद्वाज तीस हजारी न्यायालय में एक वकील के साथ काम करता था और उसके साथ अभिषेक नाम का एक शख्स और था. बता दें कि लक्ष्य भी पेशे से वकील था. पुलिस ने 19 वर्षीय अभिषेक को हिरासत में ले लिया है. वह दिल्ली में नरेला की पंजाबी कॉलोनी में स्थित जवाहर कैंप की एक झुग्गी का रहने वाला है.

पूछताछ के दौरान अभिषेक ने कहा कि सोमवार (22 जनवरी) की दोपहर विकास ने उससे हरियाणा एक विवाह में चलने के लिए बोला था. विकास ने यह भी बोला था कि तीस हजारी न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले एक वकील लक्ष्य ने उससे ऋण लिया था और जब पैसा वापस मांगा तो गलत व्यवहार किया.

दोनों ने लक्ष्य की मर्डर करने का प्लान बनाया और हरियाणा में मुनक नहर में फेंकने का निर्णय किया. अभिषेक को लक्ष्य 22 जनवरी की दोपहर को अपनी कार से मुकरबा चौक पर मिला था. थोड़ी देर बाद विकास भी उनके साथ आ गया था. देर रात तीनों विवाह कार्यक्रम में पहुंचे और करीब 12 बजे वहां से निकल गए.

नहर में धक्का देकर भाग गए

अभिषेक ने कहा कि वापसी के दौरान पानीपत में उन्होंने कार रोकी और पेशाब करने के लिए कार से बाहर निकले. जब लक्ष्य नहर के पास खड़ा था तब अभिषेक और विकास ने उसे धक्का दे दिया और लक्ष्य की कार लेकर वहां से फरार हो गए. इसके बाद विकास ने अभिषेक को नरेला में उतारा और वहां से चला गया.

पुलिस का बोलना है कि अभी तक मिले सबूतों के आधार पर अभिषेक को अरैस्ट कर लिया गया है. वहीं, विकास भारद्वाज की तलाश अभी की जा रही है. इस मुद्दे में आईपीसी की धारा 302 और 201 के अनुसार एफआईआर दर्ज की गई है. इसके साथ ही लक्ष्य के मृतशरीर का पता लगाने की प्रयास भी लगातार की जा रही है.

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