फर्जी आधार और गलत नाम के साथ रह रहे ‘अल कायदा’ के आतंकी को सूरत क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
सूरत: 27 अक्टूबर (शुक्रवार) को सूरत अपराध ब्रांच ने आतंकी संगठन अल-कायदा से कथित संबंध के इल्जाम में एक बांग्लादेशी नागरिक को अरैस्ट किया। अरैस्ट बांग्लादेशी नागरिक की पहचान अबू बकर हजरत अली उर्फ अलीम अधिकार बैजर अली खान (31) के रूप में हुई है। सुरक्षा ऑफिसरों के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आतंकवादी भर्ती और विनाशकारी गतिविधियों के कई अन्य मामलों में उसकी तलाश थी।
अधिकारियों के अनुसार, अबू बकर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन अल-कायदा की भारतीय इकाई AQIS का सदस्य है। बकर ने जाली आधार कार्ड का भी इस्तेमाल किया और अहमदाबाद में रहा। उसने फर्जी आधार कार्ड के जरिए एक मोबाइल टेलीफोन नंबर भी हासिल कर लिया। पूछताछ के दौरान, बकर ने खुलासा किया कि उसने अपना नाम बदल लिया है और गैरकानूनी रूप से हिंदुस्तान में प्रवेश करने के बाद 2015 से अहमदाबाद में रह रहा है। ऑफिसरों के अनुसार, जांच से पता चला कि वह इंस्टाग्राम के माध्यम से एक अन्य बांग्लादेशी और हवाला व्यापारी हुमायू खान के संपर्क में था, जो अल कायदा का वांछित आतंकवादी भी है।
जब सूरत अपराध ब्रांच उसे अरैस्ट करने पहुंची, तो बकर ने दावा किया कि वह एक भारतीय नागरिक है और उसने अपना आधार कार्ड दिखाने की पेशकश की। हालांकि, बाद में पता चला कि यह फर्जी आधार कार्ड था। पुलिस ने उसके पास से फर्जी आधार कार्ड के अतिरिक्त दो मोबाइल टेलीफोन और अन्य डॉक्यूमेंट्स भी बरामद किये हैं। एजेंसी को उसके बांग्लादेशी राष्ट्रीय आईडी प्रूफ की प्रति, उसके जन्म प्रमाण पत्र की अंग्रेजी और बांग्ला भाषा की प्रतियां मिलीं। जबकि वह अहमदाबाद में नाम बदलकर रह रहा था, अपनी गिरफ्तारी के डर से दो दिन पहले अहमदाबाद छोड़कर सूरत पहुंच गया था।
गिरफ्तारी के संबंध में सूरत अपराध ब्रांच ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें बोला गया कि, “टीम को एक आरोपी के बारे में जानकारी मिली, जिसके अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों से संबंध हैं। सूचना पर कार्रवाई करते हुए क्राइम शाखा की टीम वेसु, कैनाल रोड, सूरत गई और आरोपी अबू बकर हजरत अली उर्फ अलीम अधिकार बैजर अली खान को पकड़ लिया।’
इसमें बोला गया है कि, ‘सूरत पुलिस को एक भारतीय दस्तावेज़ आधार कार्ड, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश गवर्नमेंट की राष्ट्रीय ID की एक प्रति मिली। जांच के दौरान कार्ड, अंग्रेजी और बांग्लादेशी में आरोपी के जन्म प्रमाण पत्र की एक प्रति और दो मोबाइल टेलीफोन मिले। अपराध शाखा के ऑफिसरों ने बोला कि NIA ने बकर और दो अन्य के विरुद्ध मुद्दा दर्ज किया है। ऑफिसरों के मुताबिक, आरोपी अल-कायदा आतंकवादी अबू बकर अहमदाबाद की एक टी-शर्ट कंपनी में टेलर का काम करता था। वह हुमायूं खान के भी संपर्क में थे। कोलकाता का रहने वाला और बांग्लादेश का मूल निवासी खान जांच में वांछित एक अन्य आरोपी है। ऑफिसरों के मुताबिक, वह हवाला व्यवसायी है और बकर उसे पैसे भेजता था।
सूरत के पुलिस उपाधीक्षक रूपल सोलंकी ने बोला कि, ‘NIA द्वारा अरैस्ट किए गए अबू बकर पर हुमायूं खान नामक आदमी के साथ अल कायदा को धन उपलब्ध कराने का इल्जाम था। बकर एक बांग्लादेशी नागरिक है जो गुजरात में रह रहा है। उसके पास से एक फर्जी आधार कार्ड और अन्य फर्जी प्रमाणपत्र बरामद किये गये हैं। टेरर फंडिंग मुद्दे में आगे की जांच जारी है।’
बता दें कि, इससे पहले मई में, गुजरात एटीएस ने 4 गैरकानूनी बांग्लादेशियों को अरैस्ट करने के बाद अल-कायदा के एक एक्टिव सेल का पर्दाफाश किया था। आरोपियों की पहचान मोहम्मद सोजिबमिया, मुन्ना खालिद अंसारी, अजारुल इस्लाम अंसारी और अब्दुल लतीफ के रूप में हुई। एटीएस के मुताबिक, आरोपी ने गुजरात में लोगों को कट्टरपंथी बनाने की प्रयास की और बांग्लादेश में भी पैसे भेजे। उनके घर से फर्जी डॉक्यूमेंट्स और आपत्तिजनक साहित्य बरामद हुए थे।