लोकसभा चुनाव निकट हैं। विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। इस बीच रविवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की एक अहम बैठक होने जा रही है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी। केजरीवाल के विपश्यना से दिल्ली लौटने के बाद ये बैठक बुलाई गई है। ये बैठक काफी अर्थ रखती है क्योंकि यह प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा केजरीवाल को भेजे गए तीसरे नोटिस के बीच हो रही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मुद्दे में तीन जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हो सकते हैं। हालांकि इस नोटिस को लेकर AAP का इल्जाम है कि प्रवर्तन निदेशालय का समन राजनीति से प्रेरित है। आपको गौरतलब है कि इसी मुद्दे के सिलसिले में मुख्यमंत्री केजरीवाल को अप्रैल 2023 में CBI ने भी तलब किया था।
दिल्ली-पंजाब में INDIA गठबंधन का क्या होगा?
राजनीति में कोई स्थाई दोस्ती या दुश्मनी नहीं होती है। बीते 5 वर्षों में जम्मू और कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र और बिहार तक बेमेल विचारधाराओं वाले दलों के बीच सत्ता के लिए समझौते हो चुके हैं। विपक्ष का इण्डिया ब्लॉक बनने के बावजूद लोकसभा चुनावों में दिल्ली और पंजाब में क्या कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी बीते 10 वर्षों में जो कुछ हुआ उसे भुलाकर एक साथ आ पाएंगे, ये बोलना कठिन है। क्योंकि लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि आनें वाले लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी पंजाब में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करने के बजाय अकेले चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। पार्टी दिल्ली में भी कुछ ऐसा ही रुख रखती है।
ऐसी अटकलों और कयासों के बीच ये प्रश्न अपनी स्थान बना हुआ है कि दिल्ली और पंजाब में आप (AAP) और कांग्रेस पार्टी (INC) के बीच कहीं ना कहीं दूरियां बनी हुई हैं। यानी जो नाराजगी की बर्फ जमी है क्या वो पिघलेगी और वाकई कोई रास्ता निकलेगा, जिसमें दिल्ली की 7 और पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर सीट शेयरिंग का फार्मूला निकल आएगा।