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जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 बहाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनाने जा रहा है ये बड़ा फैसला

आर्टिकल 370 जम्मू और कश्मीर से 4 वर्ष पहले हटा दिया गया था इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा भी समाप्त हो गया था आर्टिकल 370 हटाए जाने के केंद्र गवर्नमेंट के निर्णय का विरोध करने वालों की लिस्ट भी लंबी है और उन्होंने इसके विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी संविधान पीठ में इस मुकदमा की सुनवाई 16 दिन तक चली क्या जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 (Article 370) को दोबारा बहाल करना चाहिए, इस पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को निर्णय सुनाएगा चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ अपना निर्णय सुनाएगी

16 दिन तक SC ने सुनीं दलीलें

बता दें कि 16 दिन तक चली सुनवाई में संविधान पीठ ने इस मसले पर अनेक याचिकाकर्ताओं, केंद्र सरकार, आर्टिकल 370 को हटाने के पक्षधर वकीलों की दलीलों को सुना गया इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने 5 सितंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया संविधान पीठ की अध्यक्षता सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं उनके अतिरिक्त संविधान पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत हैं

आर्टिकल 370 के पक्ष और विपक्ष में कौन-कौन?

इस मुकदमा की सुनवाई के दौरान, उच्चतम न्यायालय ने आर्टिकल 370 को खारिज करने का बचाव करने वालों और केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरी और अन्य वकीलों की दलीलों को सुना वहीं, याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह, दुष्यंत दवे और अन्य सीनियर वकीलों ने बहस की थी

कब हटाया गया था आर्टिकल 370?

जान लें कि कि केंद्र गवर्नमेंट ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त हो गया था इसके अतिरिक्त जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था याचिककर्ता केंद्र गवर्नमेंट के इस निर्णय का विरोध करने उच्चतम न्यायालय पहुंचे थे

केंद्र गवर्नमेंट का क्या है पक्ष?

इस मुद्दे में केंद्र गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय में बोला कि जब से आर्टिकल 370 को हटाया गया है, पूरे क्षेत्र में शांति और विकास हुआ है लोगों ने समृद्धि का अभूतपूर्व युग देखा है केंद्र गवर्नमेंट ने अपने हलफनामे में उच्चतम न्यायालय को कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद, तीन दशकों की उथल-पुथल के बाद वहां जीवन सामान्य हो गया है

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