राष्ट्रीयवायरल

दिल्ली के दुकानदार हो जाएं सावधान, नहीं तो हो सकती है आप के साथ भी ऐसी ही घटना

दिल्ली पुलिस ने ऐसे बदमाशों के गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो स्वयं को दिल्ली पुलिस के अधिकारी बताकर दुकानों और घरों में लूट करते थे आरोपित अपने साथ दिल्ली पुलिस का फर्जी आईकार्ड और नकली वायरलेस सेट लेकर चलते थे पहला मुद्दा दिल्ली पुलिस को सीमापुरी क्षेत्र से पता चला, जब पीड़ित ने टेलीफोन कर कहा कि कुछ लोग उसके घर आए और स्वयं को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताकर घर में घुस गए और 33000 रुपये लेकर चले गए साथ में दो मोबाइल टेलीफोन भी ले गए

पुलिस ने मुद्दा दर्ज कर जांच प्रारम्भ की
इसके अतिरिक्त एक और मुद्दा सामने आया, जब 22 नवंबर को पुलिस को टेलीफोन कर एक अन्य पीड़ित ने कहा कि कुछ लोग दिल्ली पुलिस के अधिकारी बनकर आए और उनसे 50,000 रुपए की लूट करके चले गए एक ही जैसे लूट के दो मुद्दे सामने आने के बाद पुलिस ने एक टीम का गठन करके जांच प्रारम्भ की सीसीटीवी फुटेज के हिसाब से जांच में पता लगा कि सभी आरोपी दो भिन्न-भिन्न मोटरसाइकिल पर आते हैं

छोटा से कागज के टुकड़े से मिली लीड
जांच करते हुए 22 नवंबर वाले मुद्दे में पुलिस के हाथ एक छोटा सा कागज का टुकड़ा लगा, जो आरोपी लूट के दौरान गलती से छोड़ गए थे ये छोटा सा कागज का टुकड़ा अप्रैल 2023 का औनलाइन पुलिस क्लिरेन्स सर्टिफिकेट का टुकड़ा था इस सर्टिफिकेट की जांच करके पुलिस ने स्पेशल ब्रांच में परमिशन देने वाले अधिकारी और परमिशन मांगने वाले शख्स, जो अभी नेपाल में है उससे बात की

पुलिस ने सबसे पहले जीशान को अरैस्ट किया
जांच में पता लगा इस शख्स ने पुलिस वेरिफिकेशन फर्म की कॉपी शानू नाम के शख्स को दी थी, जो मौजपुर के घोंडा का रहने वाला है, ये शख्स स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर वैरिफिकेशन कराने का वादा कर रहा था टेक्निकल सर्विलेंस के बाद पुलिस ने मौजपुर में आरोपी जीशान उर्फ शानू नाम के शख्स की पहचान की और इसे पकड़ा इसके बाद दो और लोगो को अरैस्ट किया गया इनके पास से वॉकी टॉकी, मोटरसाइकिल, पुलिस स्टिकर, सायरन, पुलिस यूनिफॉर्म बरामद की जो अपराध में इस्तेमाल की गई थी

जीशान इस गैंग का था मास्टरमाइंड
पुलिस के अनुसार आरोपी जीशान इस गैंग का मास्टरमाइंड था, जीशान अपने साथी जुबेर के जरिए दिल्ली पुलिस की यूनिफॉर्म अरेंज करता था, समीर जस्ट डायल पर कॉल करके समाजवादी पार्टी मसाज सेंटर के नंबर लेता था एक और आरोपी अमजाद फर्जी कस्टमर बनकर इन स्पा सेंटर में जाता था, इसके सिग्नल के बाद बाकी गैंग मेम्बर्स जिसमें इमरान स्वयं को कांस्टेबल अशोक राना बताता था फर्जी आईडी-कार्ड के साथ, जीशान उर्फ शानू स्वयं को सब इंस्पेक्टर जाकिर खान बताकर रेड टीम का अधिकारी बताता था

स्पा सेंटर में भी की थी लूट
ये अपने साथ वॉकी टॉकी, टेलीफोन में लॉक स्क्रीन पर अपनी पुलिस यूनिफॉर्म में फोटो दिखाते थे और ये विश्वास कराते थे कि ये पुलिस वाले है ये सबसे पहले स्पा सेंटर वालों के टेलीफोन लूटते थे और फिर स्पा सेंटर में उपस्थित लोगों से पैसे लूटते थे और उनके साथ हाथापाई भी करते थे इसी तरह यमुना पार के कुछ और स्पा सेंटर्स में भी इन्होंने ऐसे ही फर्जी रेड करके लूट की पूछताछ में इन्होंने कहा ये जस्ट डायल के जरिए वेबसाइट्स के जरिए कॉल गर्ल्स की जानकारी लेते थे और फिर इन एड्रेस पर जाकर फर्जी रेड करके लूट करते थेआरोपी अमजद की उम्र 24 वर्ष है पहले गए मेडिकल स्टोर में काम करता था, जीशान बेकरी में काम करता था,इमरान कैरी बैग की फैक्ट्री में काम किया करता था इनके ऊपर लूटपाट के पहले भी कुछ मुकदमे थे

इनकी गिरफ्तारी से लूट के कई मुद्दे सुलझ गए है और इनके पास से 2 बाइक, एक वॉकी टॉकी, इंस्पेक्टर की कैप, रेड बैल्ट, दिल्ली पुलिस के लोगो का फेस मास्क, पुलिस के लोगो की जुराबें, सब इंसेक्टर की शर्त पेंट, फर्जी दिल्ली पुलिस के आईकार्ड मिले हैं ये लोग दिल्ली पुलिस के फर्जी आईकार्ड, कपड़े, वॉकी टॉकी कैसे अरेंज करते थे इसको लेकर इन आरोपियों से पूछताछ जारी है

Related Articles

Back to top button