घायल माओवादी के लिए फरिश्ता बने सुरक्षाकर्मी, ऐसे बची जख्मी माओवादी की जान
झारखंड (Jharkhand) में सुरक्षाकर्मियों ने मानवता दिखाई है।सुरक्षकर्मी एक घायल नक्सली (Maoist) की जान बचाने के लिए उसको अपने कंधे पर लेकर वेस्ट सिंहभूम (West Singhbhum) जिले के जंगल में 5 किलोमीटर तक पैदल चले। जानकारी के मुताबिक, बीते शुक्रवार को हुसिपी के जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ (Encounter) के बाद सुरक्षाकर्मियों को एक घायल नक्सली दर्द से कराहता मिला, जिसको उसके साथी छोड़कर चले गए थे।
जंगल में बिछी थी बारूदी सुरंग
बता दें कि जंगल में बारूदी सुरंगें बिछी हुई थीं, जिसके बीच सुरक्षाकर्मियों ने जख्मी नक्सली को अपने कंधों पर उठाया और 5 किलोमीटर तक चले। वे घायल नक्सली को उपचार के लिए अपने साथ हाथी बुरु शिविर (Camp) में ले आए। फिर कैंप में डॉक्टरों ने घायल नक्सली को प्राथमिक इलाज दिया।
रांची ले जाया गया घायल माओवादी
जान लें कि शनिवार को घायल नक्सली को बेहतर उपचार के लिए फ्लाइट से झारखंड की राजधानी रांची के एक हॉस्पिटल में ले जाया गया। झारखंड पुलिस इस समय पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सली विरोधी अभियान चला रही है। नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए बोला जा रहा है।
ऐसे बची जख्मी नक्सली की जान
घायल हुए नक्सली को दुख है कि उसके साथी कठिन समय में उसका साथ छोड़कर चले गए। हालांकि, सुरक्षाकर्मी ठीक समय पर मौके पर पहुंच गए और उसकी जान बचा ली। मेरी जान जा सकती थी यदि ठीक समय पर मुझे कैंप में उपचार के लिए नहीं लाया जाता।
माओवादियों के विरुद्ध ऑपरेशन
पुलिस अधिकारी ने बोला कि नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन जारी है। इस क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त बनाना है। संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। उनके पास सरेंडर करने का पूरा मौका है। हम किसी वार नहीं कर हैं। उनको समझाने की प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, यदि कोई धावा करेगा तो करारा उत्तर मिलेगा।