रांची कोर्ट ने ईडी को सोरन को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की दी इजाजत
रांची न्यायालय ने प्रवर्तन विभाग को झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरन को 5 दिनों के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत दे दी है। पिछले बुधवार को प्रवर्तन विभाग ने लैंड लॉन्ड्रिंग से जुड़े गैरकानूनी मनी ट्रांसफर मुद्दे में हेमंत सोरन से 7 घंटे तक पूछताछ की थी। 7 घंटे की पूछताछ के बाद प्रवर्तन ऑफिसरों ने बुधवार रात 8.30 बजे उन्हें अरैस्ट कर लिया और अपने कार्यालय ले गए। इसके बाद, हेमंत सोरन को कल एक विशेष पीएमएलए न्यायालय में पेश किया गया जो धन शोधन निवारण अधिनियम के अनुसार मामलों की सुनवाई करती है।
उस समय प्रवर्तन विभाग की ओर से निवेदन किया गया था कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांगी जाये। याचिका पर सुनवाई करने वाले न्यायाधीश ने निर्णय पर रोक लगा दी। इसके बाद हेमंत सोरन को रांची के हटवार सेंट्रल कारावास में बंद कर दिया गया था। याचिका पर आज फिर सुनवाई हुई। उस समय न्यायालय ने प्रवर्तन विभाग को हेमंत सोरन को हिरासत में लेकर 5 दिनों तक पूछताछ करने की इजाजत दे दी थी।
इससे पहले हेमंत सोरन ने प्रवर्तन विभाग की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में मुद्दा दाखिल किया था। हेमंत सोरन की ओर से वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी कल (1 फरवरी) उच्चतम न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनकी याचिका पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए। इसके बाद जजों ने इस याचिका पर शुक्रवार (2 फरवरी) को सुनवाई करने का आदेश दिया। तदनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और बेला एम। यह मुद्दा आज त्रिवेदी की विशेष पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।
सुनवाई के दौरान जजों ने पूछा, ”आपने उच्च न्यायालय में याचिका क्यों नहीं दाखिल की?”, ”हाई न्यायालय कानूनी अदालतें हैं। यदि हम आज इस तरह किसी को अनुमति देते हैं, तो हमें बाद में सभी को अनुमति देनी होगी। अदालतें सबके लिए हैं। इसके उत्तर में कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि उच्चतम न्यायालय के पास मनमानी शक्तियां हैं। हालांकि, न्यायाधीशों ने इसे मानने से इनकार कर दिया और आदेश दिया, “यह साफ है कि हेमंत सोरन को अरैस्ट किया गया है। इसलिए, हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाना चाहिए।”
पृष्ठभूमि: अवैध धन हस्तांतरण और भूमि घोटाले के मुद्दे में प्रवर्तन विभाग द्वारा कई बार समन किए जाने के बाद पिछले सप्ताह पहली बार हेमंत सोरन से पूछताछ की गई थी। प्रवर्तन विभाग के ऑफिसरों ने यह भी घोषणा की थी कि उनसे 28 और 29 जनवरी को फिर से पूछताछ की जाएगी। इसके बाद कल दोपहर (31 जनवरी) को रांची में जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी सीएम हेमंत सोरन के घर पर जुटे थे। हालांकि, उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने हेमंत सोरन पर केस चलाने का विरोध किया।
रांची में हेमंत सोरन के घर, गवर्नर हाउस और प्रवर्तन विभाग कार्यालय के आसपास 144 निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है और अर्धसैनिक बल और पुलिस तैनात कर दी गई है। दोपहर दो बजे से प्रवर्तन विभाग के ऑफिसरों ने हेमंत सोरन से पूछताछ की। 7 घंटे की पूछताछ के बाद कल (31 जनवरी) रात 8.30 बजे प्रवर्तन ऑफिसरों ने उन्हें अरैस्ट कर लिया और अपने कार्यालय ले गए।