राष्ट्रीय

राघव चढ्ढा को नहीं खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को ट्रायल न्यायालय के पूर्व आदेश को रद्द करने के बाद आप सांसद राघव चड्ढा को अपना सरकारी बंगला खाली नहीं करना पड़ेगा हाई कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय को उन्हें आवंटित सरकारी बंगले से बेदखल करने से रोकने वाले निचली न्यायालय के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका आज स्वीकार कर ली इसकी को लेकर राघव चड्ढा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने स्पष्ट रूप से बोला कि ये मकान या दुकान की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई है

अपने एक्स पोस्ट में राघव चड्ढा ने बोला कि ये मकान या दुकान की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई है अंतत: सत्य और इन्साफ की जीत हुई मुझे मेरे आधिकारिक आवास से बेदखल करने के अन्यायपूर्ण आदेश को रद्द करने के माननीय दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय पर मेरा बयान उन्होंने बोला कि इस आवंटन को रद्द करना सियासी प्रतिशोध का साफ मुद्दा था, जिसका उद्देश्य एक युवा, मुखर सांसद को चुप कराना था मेरे आधिकारिक आवास को रद्द करने का फैसला मनमाना, अनुचित और अन्यायपूर्ण था, जो सियासी प्रतिशोध में एक नए निचले स्तर का अगुवाई करता है

आप नेता ने बोला कि विपक्षी आवाजें, जो लाखों हिंदुस्तानियों की चिंताओं का अगुवाई करते हैं, उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में, चड्ढा ने बोला कि उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाले केंद्र की निंदा करते हुए संसद में दो भाषण दिए हैं, और उनके पहले भाषण के बाद, उनका आधिकारिक आवास रद्द कर दिया गया था उन्होंने बोला कि मेरे दूसरे भाषण के बाद, एक सांसद के रूप में मेरी सदस्यता निलंबित कर दी गई कोई भी सांसद तब तक काम नहीं कर सकता जब तक उसे यह चिंता न सताए कि उसके साफ और निष्ठावान भाषण की उसे आगे क्या मूल्य चुकानी पड़ेगी

 

Related Articles

Back to top button