PM मोदी- शिक्षा ही है,जो देश का भाग्य बदलने की रखती है ताकत
वहीं आज उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान पीएम ‘पीएम श्री योजना’ के अनुसार धन की पहली किस्त भी जारी की. इस योजना के अनुसार केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ ही क्षेत्रीय निकायों द्वारा प्रबंधित विद्यालयों में से मौजूदा विद्यालयों को मजबूत करके 14,500 से अधिक पीएम श्री विद्यालयों की स्थापना का प्रावधान है.
The National Education Policy aims to make India a hub for research and innovation. Speaking at the Akhil Bharatiya Shiksha Samagam.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2023
इस योजना से अब विद्यालय विद्यार्थियों को इस तरह से पोषित करेंगे कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 द्वारा परिकल्पित न्यायसंगत, समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण के लिए सहयोग देने वाले नागरिक बनें. इस अवसर पर पीएम 12 भारतीय भाषाओं में अनुदित शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की पुस्तकों का विमोचन भी किया .
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi releases the first instalment of the funds for schools under the पीएम Shri scheme. pic.twitter.com/ie6ip406Eg
— ANI (@ANI) July 29, 2023
आज अपने उद्बोधन में पीएम मोदी ने बोला कि, “यह शिक्षा ही है जो राष्ट्र का भाग्य बदलने की ताकत रखती है. राष्ट्र जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है उसमें शिक्षा की अहम किरदार है. आप इसके प्रतिनिधि हैं.अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक जरूरी अवसर है.”
उन्होंने आज बोला कि, “NEP ने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को संतुलित ढंग से महत्व दिया है...रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए राष्ट्र के शिक्षा जगत के सभी महानुभावों ने बहुत मेहनत की है...हमारे विद्यार्थी नयी व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित हैं, वे जानते हैं कि 10+2 शिक्षा प्रणाली की स्थान अब 5+3+3+4 लाई जा रही है.”
भारत में शिक्षा के प्रगति पर पीएम मोदी ने बोला कि, “काशी के रुद्राक्ष से लेकर आधुनिक हिंदुस्तान के इस मंडप तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की यात्रा अपने आप में एक संदेश समेटे हुए है. वह प्राचीनता और आधुनिकता का संगम है. हमारी शिक्षा प्रणाली हिंदुस्तान की परंपराओं को संरक्षित कर रही है, जबकि राष्ट्र आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी आगे बढ़ रहा है.”
इसके साथ ही आज उन्होंने बोला कि, 3 से आठ साल तक बच्चों के लिए फ्रेम वर्क तैयार हो गया है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा. पूरे राष्ट्र में CBSE विद्यालयों में पाठ्यक्रम अब एक जैसा ही होगा. अब किताबें 22 भारतीय भाषाओं में होगी. अब युवाओं की प्रतिभा को उनकी भाषा के आधार पर देखा जाना सबसे बड़ा क्राइम है. मातृ भाषा में पढ़ाई होने से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान युवाओं को लाभ होगा.
उन्होंने कहा कि, “सोशल साइंस लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई अब भारतीय भाषाओं में होगी. युवाओं के पास भाषा का आत्मविश्वास होगा, तो उनकी प्रतिमा निखरकर सामने आएगी. इससे राष्ट्र को भी लाभ होगा. भाषा के नाम पर राजनीति करने वालो की दुकान बंद हो जाएगी.”
शिक्षा की गरिमा को लेकर आज पीएम मोदी ने बोला कि, “आने वाले 25 साल बहुत ही हमारे लिए महत्वूर्ण है. इन सालो में हमें ऊर्चा से भरी युवा पीढ़ी तैयारी करनी है. एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है, जो हर क्षेत्र में राष्ट्र का नाम रोशन करें. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा में कई पैरामीटर है, लेकिन जब हम हिंदुस्तान की बात करते है, तो समानता. राष्ट्र के सभी युवाओं को समान शिक्षा मिले. यह NEP में सुनिश्चित किया गया है.”
उनके मुताबिक कई ग्लोबल यूनिवर्सिटी हिंदुस्तान मे अपना कैंपस खोलने को तैयार हैं. आस्ट्रेलिया की दो यूनिवर्सिटी का कैंपल गुजरात में खुलने वाला हैं. पीएम मोदी ने कहा कि,” आज अभिभावकों को अपने बच्चों को खुली उड़ान का मौका देना होगा, जिससे कि वह कुछ नया कर सकें. हमें बच्चों को पुस्तकों को दबाव से मुख्त करना होगा.”
अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने बोला कि, “हमारे विद्यालय में पर्यावरण बदलाव जैसे मामले पर परिचित करना होगा. हमें शिक्षा प्रबंध की इस तरह से तैयार होगा कि युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़े. हिंदुस्तान की परंपरओं में भी दुनिया की दिलचस्पी बढ़ रही है. योग, कला, संगीत, साहित्य और संस्कृत के क्षेत्र में भविष्य की अपार संभावनाएं हैं. हमें युवा पीढ़ी को इनसे परिचित करना होगा. इससे नए हिंदुस्तान का निमार्ण होगा. जब राष्ट्र आजादी का 100 वर्ष बनाएगा, तो हमारा राष्ट्र विकसित होकर रहेगा, जो आज विद्यालयों में तैयार हो रहे हैं, वह कल हमारे राष्ट्र के भविष्य को तैयार करेंगे.”