पश्चिम बंगाल में विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि गृह सचिव के रूप में…
पश्चिम बंगाल में विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि गृह सचिव के रूप में नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति ‘अवैध’ है। उन्होंने यह भी बोला कि वह सीएम ममता बनर्जी गवर्नमेंट के इस निर्णय के विरुद्ध न्यायालय जाएंगे। शुभेंदु अधिकारी का बोलना है कि वह इस गैरकानूनी नियुक्ति के विरुद्ध न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। नबान्न ने रविवार को 2023 के अंतिम दिन अधिसूचना जारी कर नए गृह सचिव और मुख्य सचिव के नाम की घोषणा की थी।
नंदिनी की ‘अवैध’ नियुक्ति के खिलाफ जाएंगे अदालत
मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी रिटायर हो गये और उन्हें सीएम के आर्थिक सलाहकार का पद दिया गया। उनकी स्थान बीपी गोपालिक को गृह सचिव से मुख्य सचिव पदोन्नत किया गया। लेकिन राज्य प्रशासन को आश्चर्यचकित करते हुए पर्यटन सचिव नंदिनी को गृह सचिव बना दिया गया। आधिकारिक घोषणा के बाद नए गृह सचिव ने सोमवार से नबान्न स्थित अपने कार्यालय में काम करना प्रारम्भ कर दिया और उसके ठीक एक दिन बाद विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सीधे तौर पर उनकी नियुक्ति को ‘अवैध’ बता दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह नंदिनी की ‘अवैध’ नियुक्ति के विरुद्ध न्यायालय जाएंगे।
विपक्षी नेता ने कई कानूनी दस्तावेजों की जांच की
आमतौर पर जब गवर्नमेंट कोई निर्णय सुनाती है तो विपक्षी नेता तुरंत अपना विरोध एक्स हैंडल पर पोस्ट कर देते हैं। लेकिन इस मुद्दे में उन्होंने अपना रुख बताने में थोड़ी देरी कर दी है। रविवार को गृह सचिव की नियुक्ति के 48 घंटे बाद नंदीग्राम के विधायक ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया। उनके एक करीबी सूत्र के मुताबिक, नंदिनी को गृह सचिव नियुक्त करने के बाद विपक्षी नेता ने कई कानूनी दस्तावेजों की जांच की है। इसके अतिरिक्त केंद्र गवर्नमेंट के अधीन काम करने वाले कई ऑफिसरों से भर्ती मामलों की जानकारी ली है। इसके बाद उन्होंने तैयारी के साथ एक्स हैंडल में विरोध प्रदर्शन किया। शुभेंदु अधिकारी ने सारी जानकारी और डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करने के बाद न्यायालय जाने की भी तैयारी कर ली है।
कार्यवाहक डीजी राजीव कुमार की नियुक्ति पर भी उठे सवाल
इसके अतिरिक्त राज्य पुलिस के कार्यवाहक डीजी राजीव कुमार की नियुक्ति पर भी प्रश्न उठाए है। नंदीग्राम के विधायक ने दावा किया है कि गृह विभाग ने राज्य प्रशासन के 13 अतिरिक्त मुख्य सचिवों और 5 प्रमुख सचिवों को छोड़कर गैरकानूनी रूप से गृह सचिव की नियुक्ति की है। शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गुबा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, प्रशासन एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की सचिव एस राधा चौहान को भी गृह सचिव की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी दी है। उन्होंने आईएएस ऑफिसरों के संगठन को भी जानकारी दी है। शुभेंदु अधिकारी का बोलना है कि सिर्फ़ गृह सचिव का पद ही नहीं बल्कि सीएम ने पहले भी कई पदों पर गैरकानूनी ढंग से ऑफिसरों की नियुक्ति की है। आईपीएस होने के बावजूद राजीव कुमार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग का सचिव बनाया गया। जो पूरी तरह से गैरकानूनी है।