राष्ट्रीय

छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघ नख भारत वापस लाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर

छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघ नख हिंदुस्तान वापस लाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो गए हैं. हिंदुस्तान की तरफ से महाराष्ट्र गवर्नमेंट के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. हालांकि वाघ नख के हिंदुस्तान आने में अभी लंबा समय लग सकता है. दरअसल सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि उन्होंने ब्रिटिश गवर्नमेंट से अपील की थी कि 2-3 महीने में इसे हिंदुस्तान भेज दिया जाए लेकिन ब्रिटेन के म्यूजियम ने कहा है इसमें अधिक समय लग सकता है.

क्या कहे सुधीर मुनगंटीवार

सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि ‘हमने अपील की थी कि प्रक्रिया में तेजी लाकर वाघ नख को दो-तीन महीने में हिंदुस्तान भेज दिया जाए लेकिन उन्होंने बोला है कि इसमें लंबी प्रक्रिया शामिल है और इसमे अभी लंबा समय लग सकता है. मुनगंटीवार ने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, शिवाजी से बहुत प्रेरित हैं और अब हम शिवाजी का वाघ नख हिंदुस्तान लेकर आ रहे हैं, जिससे हम बहुत खुश हैं.’ मुनगंटीवार ने बोला कि हम भविष्य में और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करके भारतीय विरासत को स्वदेश लाने का कोशिश करेंगे. अभी हिंदुस्तानियों को अपनी विरासत को देखने के लिए विदेशी धरती पर जाना पड़ता है.

शिवाजी के वाघ नख की हिंदुस्तान वापसी से लोग खुश

वहीं वाघ नख के वापस आने पर मुख्यमंत्री शिंदे ने खुशी जताई और इसका श्रेय राज्य के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को दिया और बोला कि 15 अप्रैल 2023 को महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम को पत्र लिखकर वाघ नख लौटाने की मांग की थी. इसके अतिरिक्त मुंबई में उपस्थित ब्रिटेन के डिप्टी हाई कमिश्नर एलन गमेल से भी बात की गई. वाघ नख वापस लाने के समझौता ज्ञापन पर विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम के निदेशक ट्रिस्टम हंट और महाराष्ट्र गवर्नमेंट के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने हस्ताक्षर किए. इस दौरान लंदन में भारतीय मूल के लोगों ने इस पर खुशी जताई.

 

 

 

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