राष्ट्रीय

Lok Sabha Election: वायनाड सीट के अलावा अमेठी से भी चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस आलाकमान ने संकेत दिया कि राहुल गांधी वायनाड सीट के अलावा, अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जहां से वह 2019 के चुनावों में बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए थे. कांग्रेस पार्टी सूत्रों के मुताबिक, वह अमेठी से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं और इस आशय का संकेत पार्टी की ओर से दिया गया है. सूत्रों ने संकेत दिया कि राहुल गांधी 26 अप्रैल के बाद वायनाड सीट पर मतदान पूरा होने के बाद अमेठी सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. वह केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं जहां 26 अप्रैल को मतदान होना है.

पार्टी नेताओं का मानना ​​है कि अब भी गांधी परिवार को इन पारंपरिक सीटों पर अधिक प्रचार की आवश्यकता नहीं है. शायद इसी वजह से पार्टी अब तक दोनों सीटों पर अपने पत्ते खोलने से बचती रही है. अमेठी सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है और यहां नामांकन प्रक्रिया 27 अप्रैल से प्रारम्भ होगी. सूत्रों के मुताबिक, सबसे पुरानी पार्टी वोटिंग से पहले वायनाड के मतदाताओं को यह संदेश नहीं देना चाहती कि राहुल गांधी उनकी सीट छोड़ सकते हैं या कि अमेठी सीट वायनाड का विकल्प है. इसलिए रणनीति के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने अभी तक अमेठी से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. सूत्र यह भी संकेत दे रहे हैं कि अमेठी और रायबरेली सीट गांधी परिवार के पास ही रहेगी.

कांग्रेस ने अब तक यूपी में अपने 17 में से 14 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन पार्टी ने अमेठी और रायबरेली पर खामोशी साध रखी है. इन दोनों सीटों के लिए नामांकन 26 अप्रैल से प्रारम्भ होगा और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 3 मई है. दोनों सीटों पर 20 मई को मतदान होगा. कांग्रेस पार्टी के एक रणनीतिकार ने तर्क दिया कि “इतनी शीघ्र क्या है?” रणनीतिकार ने तर्क दिया, “हमने ज्यादातर ऐसे उम्मीदवारों के नाम बताए हैं जिन्हें प्रचार के लिए अधिक समय की जरूरत है. लेकिन राहुल और प्रियंका के मुद्दे में ऐसा नहीं है.

एक अन्य कांग्रेस पार्टी नेता ने बोला कि गांधी वाड्रा अपनी मां की ओर से रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रबंधन कर रही थीं और वह कई कांग्रेस पार्टी नेताओं की तुलना में रायबरेली सीट को बेहतर जानती हैं. दोनों ने नाम बताने से इनकार कर दिया. उन्होंने बोला कि वह श्रीमती (सोनिया) गांधी की तुलना में अधिक बार निर्वाचन क्षेत्र में रही हैं, क्योंकि उनकी दिल्ली में जरूरी व्यस्तताएं थीं. आशा है कि पार्टी का चुनाव पैनल बिहार में लंबित सीटों पर भी विचार करेगा और हरियाणा और पश्चिम बंगाल पर चर्चा के लिए एक और बैठक करेगा. अब तक कांग्रेस पार्टी ने 25 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में 241 नामों को स्वीकृति दे दी है.

Related Articles

Back to top button