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गुजरात से चार और महाराष्ट्र से तीन उम्मीदवारों की सूची जारी

  बीजेपी (BJP) ने राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए बुधवार को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को गुजरात से, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन को क्रमश: ओडिशा और मध्य प्रदेश से उम्मीदवार घोषित किया कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के अगले ही दिन केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने पूर्व सीएम अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र से राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया पार्टी ने 15 राज्यों की 56 सीट पर होने वाले राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के मद्देनजर बुधवार को पहले मध्य प्रदेश और ओडिशा के लिए पांच उम्मीदवारों की सूची जारी की तथा इसके कुछ देर बाद गुजरात से चार और महाराष्ट्र से तीन उम्मीदवारों की सूची जारी की

नड्डा के अतिरिक्त गुजरात से मशहूर हीरा व्यवसायी गोविंद भाई ढोलकिया, मयंक भाई नायक और जसवंत सिंह परमार को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है विधानसभा में बीजेपी के संख्याबल को देखते हुए सभी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है गुजरात की 185-सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 156 सदस्य हैं बीजेपी अध्यक्ष वर्तमान में हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं हिमाचल प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी के पास उन्हें इस पर्वतीय राज्य से फिर से उच्च सदन भेजने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है यहां से कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित है

पार्टी ने महाराष्ट्र से चव्हाण के अतिरिक्त मेधा कुलकर्णी और अजीत गोपछड़े को उम्मीदवार बनाया है कांग्रेस पार्टी में लगभग चार दशक बिताने वाले चव्हाण एक दिन पहले ही मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुए थे उन्होंने सोमवार को कांग्रेस पार्टी से त्याग-पत्र दे दिया था राज्यसभा की 56 सीट के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 15 फरवरी है आवश्यकता पड़ने पर 27 फरवरी को मतदान कराया जाएगा केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और पुरुषोत्तम रूपाला (गुजरात) तथा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (महाराष्ट्र) का भी कार्यकाल पूरा हो रहा है हालांकि, पार्टी की ओर से इन नेताओं की राज्यसभा के लिए उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की गई है ऐसी चर्चा है कि पार्टी इन्हें लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है

मध्य प्रदेश से बीजेपी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री मुरुगन के अतिरिक्त उमेश नाथ महाराज, माया नारोलिया और बंसीलाल गुर्जर को उम्मीदवार बनाया है वैष्णव और मुरुगन यदि चुनाव जीत जाते हैं तो राज्यसभा में यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा दोनों के चुनाव जीतने की प्रबल आसार है ओडीशा के सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने वैष्णव को समर्थन देने की घोषणा कर दी है साल 2019 में भी बीजद ने पूर्व आईएएस अधिकारी वैष्णव का समर्थन किया था मध्य प्रदेश में बीजेपी के पास चार सीट जीतने का दम है, जबकि कांग्रेस पार्टी एक सीट जीत सकती है बीजेपी शासित इस राज्य से पांच सीट रिक्त हो रही हैं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित तीन अन्य निवर्तमान बीजेपी सांसदों में से किसी को भी पार्टी द्वारा फिर से नामित नहीं किया गया है हालांकि, पार्टी आनें वाले लोकसभा चुनाव में शिक्षा मंत्री को उनके गृह राज्य ओडिशा से मैदान में उतार सकती है

माया नारोलिया पार्टी की स्त्री मोर्चा की मध्य प्रदेश इकाई की अध्यक्ष हैं, उमेश नाथ महाराज धार्मिक और आध्यात्मिक नेता हैं जबकि बंसीलाल गुर्जर किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं मुरुगन मूल रूप से तमिलनाडु से ताल्लकु रखते हैं वहां से राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी के पास तमिलनाडु विधानसभा में संख्याबल नहीं है पार्टी सूत्रों ने बोला है कि प्रधान के अतिरिक्त दो अन्य केंद्रीय मंत्रियों, भूपेंद्र यादव और राजीव चंद्रशेखर को बीजेपी आनें वाले लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना सकती है दोनों को राज्यसभा के मौजूदा दौर के लिए फिर से नामित नहीं किया गया है प्रधान और यादव दोनों ही राज्यसभा के दो कार्यकाल पूरे कर रहे हैं जबकि चंद्रशेखर का यह तीसरा कार्यकाल है ऐसी चर्चा थी कि वैष्णव भी अपने गृह राज्य राजस्थान से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं

माना जा रहा है कि उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि उन्होंने उच्च सदन में सिर्फ़ एक कार्यकाल पूरा किया है और ओडिशा कैडर के पूर्व अधिकारी के राज्य की बीजद गवर्नमेंट के साथ अच्छे संबंध हैं ओडिशा के सीएम और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने चुनाव में वैष्णव को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की, जिससे उनकी जीत पहले से ही तय हो गई मृदुभाषी नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सहित कुछ प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं पीएम नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में सुझाव दिया था कि राज्यसभा सदस्यों को कम से कम एक प्रत्यक्ष चुनाव लड़ने का अनुभव मिलना चाहिए पार्टी में एक राय उभरकर सामने आई है कि अधिक से अधिक केंद्रीय मंत्रियों को लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए, खासकर उन्हें जो राज्यसभा में कम से कम दो कार्यकाल पूरे कर चुके हों केंद्रीय मंत्रियों में से कुछ खासतौर से उन राज्यों से आते हैं जहां बीजेपी चुनावी दृष्टि से मजबूत नहीं है सूत्रों का बोलना है कि क्षेत्रीय सियासी समीकरणों के कारण पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव में नहीं उतारेगी

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