राष्ट्रीय

जम्मू कश्मीर पर पूरी तरह से भारत सरकार का नियंत्रण

Article 370 issue in Supreme Court: 1947 में राष्ट्र को आजादी मिलने के बाद रियासतों के एकीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई इसकी जिम्मेदारी तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के कंधों पर थीं 200 से अधिक रियासतों में किसी तरह की कठिनाई नहीं आई लेकिन जम्मू कश्मीर रियासत का समस्या थोड़ा अलग था जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह थे और बहुसंख्यक प्रजा का वास्ता मुसलमान धर्म से था ऐसे में पाक को लगने लगा था कि इस खास रियासत के जरिए वो हिंदुस्तान को अस्थिर कर सकता था और उसने ऐसा किया भी जब कबायलियों के भेष में पाकिस्तानी सेना जम्मू कश्मीर में दाखिल हुई तो हरि सिंह ने हिंदुस्तान गवर्नमेंट से सहायता मांगी और बदले में हिंदुस्तान में विलय वाले डॉक्यूमेंट्स पर हस्ताक्षर किए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला जिसे अनुच्छेद 370 के जरिए संरक्षित किया गया लेकिन यह आर्टिकल बहस के केंद्र में वर्ष 2019 तक रहा इस अनुच्छेद को रहने देने या हटाने के मामले पर 70 सालों तक राजनीति चलती रही हालांकि पांड अगस्त 2019 को संसद ने इस अनुच्छेद को हमेशा हमेशा के लिए हटा दिया अब जम्मू कश्मीर पर पूरी तरह से हिंदुस्तान गवर्नमेंट नियंत्रण है बता दें कि 2019 के पहले विदेश, रक्षा और संचार को छोड़ सभी विषयों पर राज्य गवर्नमेंट का अपना विधान था

सुप्रीम न्यायालय में है मामला

अनुच्छेद 370 को हटाए जाने वाली याचिका के विरुद्ध पांच जजों की पीठ में शामिल जस्टिस संजय किशन कौल कुछ इस तरह घटना का वर्णन करते हुए महाराजा हरि सिंह के दर्द को बताते हैं उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि 1947 में जब पाक की तरफ से जम्मू और कश्मीर को अशांत करने की नापाक प्रयास प्रारम्भ हुई उस समय महाराजा हरि सिंह ने तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन को चिट्ठी लिखकर कहा कि किस तरह से पाकिस्तानी घुसपैठिए घाटी को लहूलुहान कर रहे हैं जिस तरह से बड़े पैमाने पर स्त्रियों के साथ अत्याचार और बलात्कार के मुद्दे सामने आ रहे हैं उनका दिल पीड़ा से भरा हुआ है जंगली लोग राज्य को तहस नहस करने के लिए आ रहे हैं

1950 से 54 बार आदेशों में हुआ संशोधन

नेशनल कांफ्रेस के लीडर मोहम्मद अकबर लोन के पक्ष में दलील पेश करते हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने बोला कि विलय पत्र के अनुसार हिंदुस्तान गवर्नमेंट का अधिकार केवल विदेश, रक्षा और संचार मामलों तक सीमित थाबता दें कि जम्मू और कश्मीर आदेश संख्या 1950 में 53 से अधिक बार संशोधन किए जा चुके हैं इसका अर्थ यह है कि विदेश,संचार और रक्षा को छोड़कर शेष मामलों में भी केंद्र की तरफ से पर्याप्त दखल रहा है जबकि 1957 में जम्मू कश्मीर की कानूनी सभा ने स्वयं के लिए अलग संविधान लागू किया था कुल 54 आदेशों में से (पहला 1950 लागू किया था) 52 आदेशों को 1996 तक लागू किया गया इनमें से ज्यादातर आर्डर कांग्रेस पार्टी के शासन के दौरान लागू किए गए केवल 2017 और 2019 वाले आदेश एनडीए गवर्नमेंट से जुड़े थे 2017 में शेष राज्यों की तरह GST जम्मू कश्मीर में भी लागू किया गया था और 2019 में अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया.1950 के आदेश में बोला गया था कि हिंदुस्तान गवर्नमेंट के पास ऐसे कानून बनाने की शक्ति होगी जो रक्षा और सशस्त्र बलों के सभी मामलों से संबंधित विषयों पर जम्मू और कश्मीर पर लागू होंगे

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