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जानें क्यों, बदल सकता है अयोध्या के नवनिर्मित मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम हवाई अड्डे का नाम

जैसे-जैसे अयोध्या में ईश्वर श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ईश्वर राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख निकट आ रही है, तैयारियां तेज होती जा रही हैं और पूरे अयोध्या में जरूरी विकास कार्य चल रहे हैं रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक गौरतलब परिवर्तन दिख रहे हैं अयोध्या में नया हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है, जिसका नाम मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम हवाई अड्डा है

हालांकि, ऐसी आसार है कि एयरपोर्ट का नाम बदला जा सकता है और इसका नाम महर्षि वाल्मिकी के नाम पर रखने की भी चर्चा चल रही है यूपी गवर्नमेंट द्वारा केंद्र गवर्नमेंट को विचार के लिए एक प्रस्ताव भेजने की आशा है, और जल्द ही इस पर फैसला होने की आसार है दरअसल, हज़ारों साल पूर्व महर्षि वाल्मीकि ने ही रामकथा को संस्कृत के काव्य रूप में रामायण में वर्णित किया था, फिर सैकड़ों वर्ष बाद गोस्वामी तुलसीदास ने इसे आम बोलचाल की भाषा में अनुवादित कर रामचरितमानस की रचना की, और रामकथा को घर-घर पहुँचाने में अपना सहयोग दिया बता दें कि, अयोध्या के मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को प्रमुख भारतीय शहरों से जोड़ने वाली उड़ानें 6 जनवरी से परिचालन प्रारम्भ करने वाली हैं, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को इसका आधिकारिक उद्घाटन करेंगे

हाल ही में 22 दिसंबर को अयोध्या हवाई अड्डे पर भारतीय वायु सेना के एयरबस ए-320 की सफल लैंडिंग शहर के लिए एक जरूरी उपलब्धि है हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ, अयोध्या एक जरूरी हवाई यात्रा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है एयरलाइन कंपनी इंडिगो दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और गोवा जैसे प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें संचालित करने के लिए तैयार है केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बात पर बल दिया कि हिंदुस्तान और विदेश से अयोध्या आने वाले पर्यटकों को शहर के ऐतिहासिक महत्व को देखने का अवसर मिलेगा उन्होंने बोला कि, “इसलिए, अयोध्या का हवाई अड्डा केवल एक और हवाई अड्डा नहीं होना चाहिए हमने अपने हवाई अड्डे में अयोध्या की संस्कृति को शामिल करने का कोशिश किया है

राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में पिछली हवाई पट्टी की बाधाओं पर प्रकाश डाला, जो अपेक्षाकृत छोटी थी उन्होंने बोला कि, ‘हमारे पास यहां सिर्फ़ 178 एकड़ जमीन थी हम इतनी छोटी सी पट्टी में इतना बड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नहीं बना सकते थे पीएम मोदी के निर्देश के अनुसार केंद्र को जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसे गवर्नमेंट ने स्वीकृति दे दी है राज्य गवर्नमेंट द्वारा 821 एकड़ जमीन मौजूद कराने के बाद भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण नए हवाईअड्डे को विकसित करने के लिए तत्परता से काम कर रहा है

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