Jharkhand: हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
रांची की विशेष पीएमएलए न्यायालय से लगा था झटका
इससे पहले, 27 अप्रैल को सोरेन को झटका लगा था. रांची की विशेष पीएमएलए न्यायालय ने भूमि घोटाले के एक मुद्दे में उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. बता दें, हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के भाई राम सोरेन का शनिवार सुबह मृत्यु हो गया था. वह लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे. सोरेन ने अपने चाचा के आखिरी संस्कार में शामिल होने के लिए न्यायालय से 13 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी. हालांकि, सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.
ईडी को दिया गया था एक हफ्ते का समय
बता दें कि हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को अरैस्ट किया गया था. उन पर जमीन से जुड़े घोटाले के मुद्दे में धन शोधन का इल्जाम है. पूर्व मुख्यमंत्री अभी रांची की बिरसा मुंडा कारावास में न्यायिक हिरासत में हैं. इस मुद्दे में उच्च न्यायालय द्वारा सोरेन की जमानत याचिका पर उत्तर देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को एक और हफ्ते का समय दिया गया था.
रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है जांच
सोरेन के विरुद्ध जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है. प्रवर्तन निदेशालय का इल्जाम है कि इसे गैरकानूनी रूप से कब्जे में लिया गया था. एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व सीएम के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के विरुद्ध 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था. सोरेन ने रांची की एक विशेष न्यायालय के समक्ष जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने यह इल्जाम लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए विवश करने की एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा थी.