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भारत ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान पर जोर

India China Latest Updates: भारत और चीन में पिछले करीब साढ़े तीन वर्षों से पूर्वी लद्दाख में चल रही सेना विवाद का अब तक कोई स्वीकार्य निवारण नहीं निकल पाया है इस मामले पर दोनों राष्ट्रों के बीच कई दौर की बात हो चुकी है लेकिन चीन के अड़ियल रवैये की वजह से मुद्दा जहां का तहां अटका है दोनों राष्ट्रों ने इस मामले के हल के लिए 9 और 10 अक्टूबर को 20वें दौर की सेना वार्ता की इसमें विवाद के शेष बिंदुओं पर लंबित गतिरोध को खत्म करने में कोई बड़ी कामयाबी मिलने का साफ संकेत नहीं मिला सूत्रों के अनुसार इस बैठक में हिंदुस्तान ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के निवारण पर बल दिया, जिस पर चीन ने खामोशी साध ली

भारतीय क्षेत्र में हुआ बैठक का आयोजन

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता (India China) का 20वां दौर एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा के पास आयोजित किया गया था इसमें दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सेना और राजनयिक तंत्रों के जरिए वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई विदेश मंत्रालय ने बताया, ‘दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं आपस में स्वीकार्य निवारण के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक ढंग से विचारों का आदान-प्रदान किया यह वार्ता दोनों राष्ट्रों के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा उपलब्ध कराए गए निर्देशों के मुताबिक की गई और इस दौरान 13-14 अगस्त को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के पिछले दौर में हुई प्रगति को आगे बढ़ाया गया

बातचीत में नहीं निकला कोई समाधान

बयान में आगे गया बोला गया, ‘दोनों पक्ष प्रासंगिक सेना और राजनयिक तंत्र के जरिए संवाद और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘उन्होंने इस बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी जताईगवर्नमेंट पूर्वी लद्दाख को पश्चिमी सेक्टर कहती है यह दूसरा ऐसा मौका था जब यह वार्ता दो दिन तक चली इससे पहले, 19वें दौर की वार्ता (India China) में भी दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष मुद्दों का शीघ्रता से हल करने पर सहमत हुए थे

कोर कमांडर ने किया भारतीय दल का नेतृत्व

इस वार्ता (India China) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रश्मि बाली ने किया इस कोर का मुख्यालय लेह में है वहीं चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सेना जिले के पीएलए कमांडर कर रहे थे गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन वर्ष से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है हालांकि हिंदुस्तान के जवाबी एक्शन के बाद दोनों पक्ष पैंगोंग झील के पास से अपने सैनिकों को पीछे हटा चुके हैं

दोनों में मई 2020 से चल रहा है सेना तनाव

भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती, तब तक चीन के साथ उसके संबंध (India China) सामान्य नहीं हो सकते पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध प्रारम्भ हो गया था इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प ने हालात और जटिल कर दिए

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