भारत समय के साथ कानूनों का कर रहा है आधुनिकीकरण: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोला है कि हिंदुस्तान समय के साथ कानूनों का आधुनिकीकरण कर रहा है। राष्ट्रमंडल कानूनी शिक्षा संघ का राष्ट्रमंडल अधिवक्ता और मुख्य कानूनी सलाहकार सम्मेलन आज नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रारम्भ हुआ। पीएम मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसमें कानून मंत्री अर्जुन राम मघवाल और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीवाई चंद्रचूड़ ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन में एशिया-प्रशांत, अफ्रीका और कैरेबियन को कवर करने वाले राष्ट्रमंडल राष्ट्रों के अटॉर्नी जनरलों और मुख्य कानूनी सलाहकारों और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। न्याय वितरण में सीमा पार चुनौतियां विषय पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बोला कि हिंदुस्तान समय के साथ अपने कानूनों का आधुनिकीकरण कर रहा है।
भारत ने हाल ही में 100 वर्ष पुराने औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए नए कानून पारित किए हैं। हिंदुस्तान में कानूनी प्रथा औपनिवेशिक काल से चली आ रही है। पिछले कुछ सालों में हमने उनमें काफी सुधार किये हैं। हिंदुस्तान ने औपनिवेशिक युग के हजारों पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया है।
कभी-कभी किसी राष्ट्र को इन्साफ सुनिश्चित करने के लिए दूसरे राष्ट्रों के साथ मिलकर काम करना पड़ता है। जब हम साथ मिलकर काम करते हैं, तो अन्य लोग राष्ट्र की कानूनी प्रबंध को समझ सकते हैं। जैसे-जैसे समझ बढ़ती है, सहक्रियात्मक शक्ति विकसित होती है। यह संयुक्त बल इन्साफ के बेहतर, तेज वितरण को प्रेरित करता है। 21वीं सदी की चुनौतियों का निवारण 20वीं सदी की परमाणु ऊर्जा से नहीं किया जा सकता।
अफ़्रीकी संघ के साथ हिंदुस्तान का अनोखा रिश्ता है। उन्होंने बोला कि हमें इस बात पर गर्व है कि जब हिंदुस्तान ने जी-20 संगठन की अध्यक्षता की तो अफ्रीकी संघ भी इसमें शामिल हुआ। आज के सम्मेलन में कानून और इन्साफ से संबंधित जरूरी मुद्दों और कानूनी अभ्यास के नैतिक आयामों, प्रशासनिक जिम्मेदारी और आधुनिक कानूनी शिक्षा पर पुनर्विचार पर चर्चा होगी। गौरतलब है कि सम्मेलन में कानूनी शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय इन्साफ वितरण में चुनौतियों का निवारण करने के लिए एक व्यापक योजना विकसित करने के लिए एक विशेष गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।