राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश की नई सरकार चुनावी वादों और सरकारी खजाने के बीच कैसे बनाएगी संतुलन, पढ़ें पूरी खबर

अपने चुनावी वादों को पूरा करने के साथ ही बीजेपी को सरकारी खजाने का भी ध्यान रखना होगा हाल ही में मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के सीएम के रूप में शपथ ली, इसके साथ ही बीजेपी ने इस प्रदेश में एक नया दौर प्रारम्भ कर दिया है लगभग पिछले 20 वर्षों से सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान का युग अब खत्म हो चुका है मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा ने नए नेतृत्व को मौका दिया है भले ही शिवराज सिंह चौहान आज भी प्रदेश के एक बड़े हिस्से में लोकप्रिय हैं, नए नेतृत्व के आने के साथ नेताओं और भलाई समूहों में फेरबदल होना संभव है भाजपा को मिली भारी बहुमत का बहुत बड़ा श्रेय शिवराज सिंह चौहान को जाता है जिन्होंने चुनाव से पहले प्रदेश भर में 165 रैलियां की उनके द्वारा जुटाए बहुमत का फायदा लेकर नए सीएम अपनी दिशा तय कर सकते हैं

मोहन यादव एक ओबीसी नेता हैं और उप सीएम जगदीश देवड़ा (दलित नेता) और राजेंद्र शुक्ला (ब्राह्मण नेता) के साथ भाजपा प्रदेश के विभिन्न जाति समूहों को इकट्ठा कर रही है साथ ही, मुस्लिमों को भागीदारी से अलग रखा गया है जनजातियों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए गवर्नमेंट ने अपने पहले ही निर्णय में तेंदू पत्ता के प्रति बोरी सरकारी कलेक्‍शन दर को 3000 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए कर दिया है, इसका वादा उन्होंने अपने घोषणा पत्र में किया था

पार्टी अपने प्रयासों का असर अन्य हिंदी भाषी राज्यों में होता देख रही है मध्य प्रदेश की जनसंख्या में ओबीसी की हिस्सेदारी 50% से अधिक है, जबकि दलितों को हिस्सेदारी 17% है प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में ब्राह्मणों को प्रभावशाली माना जाता है, जहां भाजपा को भारी समर्थन मिलता रहा है अन्य पिछड़ी जातियों की तुलना में यादवों का झुकाव भाजपा की तरफ कम रहा है इसलिए यादवों की नियुक्ति को भाजपा के सोशल इंजीनियरिंग के लिए बड़ा कदम बताया जा रहा है

नई गवर्नमेंट के सामने अनेक चुनौतियां होंगी बीजेपी के चुनाव अभियान में सबसे प्रमुख और कारगर वादा लाडली बहना योजना को बेहतर करना था मौजूदा स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर, लगभग 1.31 करोड़ स्त्रियों को हर महीने 1,250 रुपए की सहायता दी जाती है, जिसे बढ़ा कर 3000 रुपए करने का वादा शिवराज सिंह चौहान ने किया था हालांकि, मोहन यादव ने सहायता राशि बढ़ाने के कोई संकेत नहीं दिए हैं

बीजेपी ने गेहूं और धान की फसलों के समर्थन मूल्य को बढ़ाकर 2700 रुपए और 3100 रुपए करने का वादा किया था लाडली बहना योजना और केंद्र की पीएम उज्वला योजना का फायदा पाने वाली स्त्रियों को एलपीजी सिलेंडर 450 रुपए में देने का भी वादा है इन वादों को पूरा करने और जनकल्याण की योजनाओं को जारी रखने के लिए राज्य गवर्नमेंट के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा संभावना व्यक्त किया जाता है कि पिछली सरकारों द्वारा कई बार ऋण लेने के कारण इस समय प्रदेश पर लगभग चार लाख करोड़ का ऋण है भाजपा के सोशल इंजीनियरिंग में अगुवाई और जन कल्याण योजनाओं का विस्तार देखा जा सकता है इन प्रयासों में सामाजिक और आर्थिक मूल्य भी जुड़ी हुई है

Related Articles

Back to top button