बिहारराष्ट्रीय

2024 के चुनावों से पहले PM मोदी ने कैसे गढ़े जीत के नए समीकरण, यहाँ पढ़ें पूरी खबर

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी (BJP) के वयोवृद्ध नेता और पूर्व उप पीएम लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्र का सर्वोच्च अलंकरण हिंदुस्तान रत्न से सम्मानित करने का घोषणा किया है यह अलंकरण पाने वाले वह भाजपा के दूसरे बड़े नेता हैं इससे पहले भूतपूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भी इससे सम्मानित किया जा चुका है आडवाणी को यह सम्मान देकर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी गवर्नमेंट ने राम मंदिर की स्थापना और भाजपा को खड़ा करने में उनके सहयोग को सम्मान दिया है

देश में आडवाणी और राम मंदिर आंदोलन एक-दूसरे के पूरक रहे हैं और भाजपा उसका एक माध्यम रही है 2024 के आम चुनावों से ठीक पहले जहां राम मंदिर का निर्माण और वहां राम लला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा हुई, वहीं इसके आर्किटेक्ट और स्वप्नद्रष्टा आडवाणी को हिंदुस्तान रत्न का घोषणा कर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी वर्ष में ना केवल भाजपा की जीत की हैट्रिक लगाने वाले समीकरण गढ़े और उसकी स्क्रिप्ट लिखी है बल्कि अनेक सियासी विरोधियों के मुंह पर ताला भी जड़ा है

वरिष्ठों का सम्मान, युवाओं को मान
नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से विरोधी लालकृष्ण आडवाणी को लेकर उन पर राजनीति हथियाने और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को हाशिए पर धकेलने के इल्जाम लगाते रहे हैं भाजपा में मोदी और शाह के उभार के बाद आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सरीखे नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया गया था लेकिन आडवाणी को सर्वोच्च अलंकरण से सम्मानित कर मोदी ने साफ कर दिया है कि भाजपा वरिष्ठों का सम्मान करना भी जानती है और युवाओं को मान भी देना जानती है

हालिया विधानसभा चुनावों के बाद जब तीन राज्यों में भाजपा की गवर्नमेंट बनी तो मोदी-शाह और नड्डा की प्रतिनिधित्व वाली भाजपा ने युवा चेहरों पर भरोसा किया और कम चर्चित चेहरों को सीएम बनाया इससे युवाओं के मन में भाजपा के प्रति लगाव पैदा हुआ है भाजपा ने नए मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के चयन में सामाजिक समीकरणों का भी विशेष ख्याल रखा है और सामाजिक इन्साफ की अवधारणा को भी जमीन पर उतारने की प्रयास कर आम चुनावों के मद्देनजर ओबीसी वर्ग को अपने पाले में करने की भी स्क्रिप्ट तैयार की है

नए मतदाताओं पर नजर
तमाम कवायदों के जरिए भाजपा स्त्रियों और युवाओं पर फोकस कर रही है हिंदुस्तान की कुल अनुमानित जनसंख्या 137.63 करोड़ है इसमें 87.75 प्रतिशत लोग वोट देने की योग्यता रखते हैं चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लगभग 10 करोड़ ऐसे मतदाता थे जिन्होंने पहली बार वोटिंग की थी वर्ष 2018 में RTI से मिले आंकड़ों के मुताबिक हिंदुस्तान की कुल जनसंख्या में 4.85 करोड़ 18 से 19 वर्ष के युवा हैं

कर्पूरी ठाकुर के बहाने EBC पर नजर
आडवाणी से पहले बिहार के भूतपूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भी उनकी 100वीं जयंती की पूर्व संध्या पर हिंदुस्तान  रत्न से सम्मानित करने का घोषणा मोदी गवर्नमेंट ने पिछले दिनों किया था कर्पूरी ठाकुर नाई समुदाय से ताल्लुक रखते थे, जो अत्यंत पिछड़ी जाति (EBC) कैटगरी में आता है यह समुदाय समाज में हाशिए पर रहता है लेकिन कर्पूरी के बहाने मोदी ने ईबीसी समुदाय को अपने पाले में लामबंद करने की प्रयास की है बिहार में इस कैटगरी की जनसंख्या 36 प्रतिशत है, जो नीतीश का बड़ा वोट बैंक रहा है

मोदी ने कर्पूरी दांव और नीतीश को साथ लेकर इस 36 प्रतिशत जनसंख्या के एनडीए के पाले में करने की भी कहानी लिखी है इसके अतिरिक्त हालिया फैसलों और कदमों से हिन्दुत्व का नैरेटिव सेट कर भाजपा और मोदी  गवर्नमेंट ने बड़े समुदाय को अपने पाले में करने की प्रयास भी की है

Related Articles

Back to top button