तीन IPS अफसरों पर लगाया पांच साल का बैन
नागपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस कार्यकाल नीति के अनुसार 8 आईपीएस ऑफिसरों पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति और विदेशी असाइनमेंट के लिए 5 साल का बैन लगा दिया है। इस संबंध में आदेश जारी किए जा चुके हैं। इन 8 ऑफिसरों में 3 महाराष्ट्र, 3 यूपी और 2 हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। सिटी के डीसीपी जोन-3 गोरख भामरे का नाम भी इस सूची में शामिल है।
आईपीएस टेनुअर पॉलिसी के अनुसार राष्ट्र के सभी राज्यों से आईपीएस ऑफिसरों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भिन्न-भिन्न स्थानों पर नियुक्त किया जाता है। हर साल अनेक अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन देते हैं। अपना कैडर छोड़कर अधिकारी सीबीआई, एनआईए, बीएसएफ, सीआईएसएफ, राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, बीपीआरडी सहित विभिन्न केंद्रीय विभागों में जाकर काम कर सकते हैं। नियुक्ति होने के बाद भी जो अधिकारी दी गई नियुक्ति पर कार्यभार नहीं संभालते उन पर एक्शन लेने के लिए आईपीएस कार्यकाल पॉलिसी बनाई गई है। इस पॉलिसी के पैरा 17 के अनुसार इन ऑफिसरों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगाया जाता है। इसके पहले भी कई आईपीएस ऑफिसरों को पर बैन लगाया जा चुका है। कुछ महीने पहले ही महाराष्ट्र कैडर की 1995 बैच के अधिकारी पीएस सालुंखे पर भी बैन लग चुका है।
हाल ही में जारी हुए आदेशानुसार महाराष्ट्र कैडर के 3 ऑफिसरों में भामरे के अतिरिक्त 2015 बैच की रागासुधा आर और अतुल विकास कुलकर्णी का समावेश है। जानकारी के मुताबिक भामरे की नियुक्ति राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में हुई थी। अपनी नियुक्ति के जगह पर ज्वाइन नहीं करने की वजह से उन पर भी 5 साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
अगले 5 सालों तक वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं जा पाएंगे। रागासुधा की नियुक्ति सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर हुई थी, जबकि अतुल कुलकर्णी की ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) में सुपरिटेंडेंट पद पर हुई थी। इन दोनों पर भी 5 साल का बैन लगाया गया है। अन्य में यूपी कैडर में 2003 बैच के अधिकारी राजेश मोडक, 2014 बैच की डाक्टर मीनाक्षी कात्यान और 1994 बैच के एलवी अंटोनी देव कुमार का समावेश है।
अंटोनी की नियुक्ति बीएसएफ (बीएसएफ) में आईजी पद पर हुई थी, मोडक को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में डीआईजी पद पर नियुक्ति दी गई थी, जबकि कत्यान को बीपीआरडी में सुपरिटेंडेंट पद पर नियुक्त किया गया था। हरियाणा कैडर के 2 ऑफिसरों में 2010 बैच के राजेश दुग्गल और 2011 बैच के राजेंद्रकुमार मीना का समावेश है।
दुग्गल को नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन (एनएचआरसी) और मीना को बीपीआरडी में नियुक्ति दी गई थी। किसी कारणवश उपरोक्त सभी अधिकारी ने नियुक्ति के बाद भी संबंधित विभागों में ज्वाइन नहीं हो पाए, इसीलिए पॉलिसी के अनुसार उन पर 5 साल का बैन लगाया गया है। अगले 5 सालों तक उन्हें केंद्र के किसी भी विभाग में प्रतिनियुक्ति नहीं मिलेगी।