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अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से पहली बार आदिवासी महिला बनी IAS Officer

Success Story: हर वर्ष लाखों उम्मीदवार IAS, आईपीएस और IFS ऑफिसर बनने का सपना देखते हैं, जिसकी वजह से स्टडी में जी तोड़ मेहनत के लिए सालों बिता देते हैं लेकिन फिर UPSC की परीक्षा को पास करने में कुछ ही लोग सफल हो पाते हैं आज हम जिनकी बात करने जा रहे हैं, वह केरल की पहली आदिवासी स्त्री आईएएस हैं इनका नाम श्रीधन्या सुरेश (IAS Sreedhanya Suresh) है, जो आज UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा हैं

श्रीधन्या को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन उनमें से कोई भी उनका ध्यान नहीं भटका सकी अपनी कड़ी मेहनत और सरेंडर से वह UPSC सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली पहली आदिवासी स्त्री बनीं श्रीधन्या कुरिचिया जनजाति से हैं उसके माता-पिता कमाने के लिए धनुष-बाण की दुकान पर काम करते थे सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों की कमी के कारण भी श्रीधन्या सुरेश (IAS Sreedhanya Suresh) का पालन-पोषण प्रभावित हुआ

यहां से की पढ़ाई
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वायनाड से की और फिर जूलॉजी की पढ़ाई के लिए कोझिकोड के सेंट जोसेफ कॉलेज (कालीकट) चली गईं ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद श्रीधन्या एप्लाइड जूलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए कालीकट यूनिवर्सिटी भी गए

क्लर्क के पद पर की नौकरी
वह राज्य गवर्नमेंट के अनुसूचित जनजाति विकास विभाग में क्लर्क के रूप में काम करती थीं उन्होंने आदिवासी विद्यार्थियों के छात्रावास में वार्डन के रूप में भी काम किया है लेकिन उनकी वास्तविक महत्वाकांक्षा UPSC परीक्षा पास करने की थी इसलिए, उन्होंने अपनी तैयारी प्रारम्भ की और साल 2018 UPSC परीक्षा में शामिल हुईं श्रीधन्या सुरेश ने अपनी अटूट निष्ठा और अपने परिवार के समर्थन के कारण अपने तीसरे कोशिश में AIR 410 के साथ UPSC की परीक्षा में कामयाबी हासिल की

इंटरव्यू में जाने के नहीं थे पैसे
श्रीधन्या के मेन्स पास करने के बाद भी चुनौतियां बरकरार रहीं हालांकि उनके पास अपने इंटरव्यू के लिए दिल्ली जाने के लिए धन की कमी थी, लेकिन उनके दोस्त उनके साथ खड़े थे आईएएस Officer बनने के उनके लक्ष्य के करीब जाने में सहायता करने के लिए उन्होंने सामूहिक रूप से उनके लिए 40,000 रुपये का सहयोग दिया उन्होंने न सिर्फ़ साक्षात्कार में कामयाबी हासिल की, बल्कि वह केरल की पहली आदिवासी स्त्री आईएएस अधिकारी भी बन गईं

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