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लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तारीख तय,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब आने की उम्मीद

नई दिल्ली: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तारीख तय कर दी गई है, जिस पर 8 अगस्त को बहस प्रारम्भ होगी और 10 अगस्त को हैभारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर मामले पर विपक्ष के दबाव और पीएम द्वारा संसद में इस पर बोलने की उसकी मांग को मानने से इनकार करने के बाद अब ध्यान उन तर्कों की जड़ पर केंद्रित हो गया है जो दोनों पक्ष अपना मुद्दा बनाने के लिए पेश करेंगे

रिपोर्ट में बीजेपी सूत्रों के हवाले से बोला गया है कि पार्टी डेटा तैयार कर रही है जो पूर्वोत्तर में अत्याचार और आगजनी के लंबे इतिहास को खुलासा करेगा, जिसके अधिकतर हिस्से पर कांग्रेस पार्टी का नियंत्रण था वहीं विपक्ष इसे कई प्रमुख राज्यों में आनें वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, मोदी गवर्नमेंट के डबल-इंजन गवर्नमेंट के दावे पर चोट करने का शायद अंतिम मौका मानता है

एनडीए के समर्थन में YSRCP के 22 और BJD के 12 सांसद और जुड़ेंगे
पहले से ही बीजेपी के पक्ष में भारी बहुमत था, मंगलवार को उसे तब और मजबूती मिली जब बीजद ने घोषणा की कि वह अविश्वास प्रस्ताव पर गवर्नमेंट का समर्थन करेगी इससे पहले, वाईएसआरसीपी- जो बीजेडी की तरह एनडीए या इण्डिया ब्लॉक के साथ गठबंधन में नहीं है- ने घोषणा की थी कि वह प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान करेगी जबकि प्रस्ताव को जीतने या हराने के लिए बहुमत का निशान 272 है, एनडीए गवर्नमेंट के पास 331 सांसद हैं, जिनमें उसके अपने 303 सांसद हैं इसमें YSRCP के 22 और BJD के 12 सांसद और जुड़ेंगे

इसलिए यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि बहस में कौन अधिक सियासी अंक प्राप्त करता है, जो कि सदन के अशांत सत्र के मद्देनजर आ रहा है, जिसके तूफानी होने की आशा है मंगलवार को भी, इण्डिया ब्लॉक की पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस को अहमियत पर लेने की मांग करते हुए बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक से वॉकआउट कर दिया जिन दलों ने बोला है कि वे प्रस्ताव पर गवर्नमेंट के विरुद्ध मतदान करेंगे उनमें इण्डिया ब्लॉक की 26 पार्टियों के अतिरिक्त केसीआर की हिंदुस्तान देश समिति शामिल है

मानसून सत्र प्रारम्भ होने के बाद से दोनों सदनों में कामकाज लगातार ठप
उन्होंने मंगलवार को मांग की कि जब तक अविश्वास प्रस्ताव लंबित है तब तक गवर्नमेंट अपने विधायी एजेंडे को आगे नहीं बढ़ाएगी लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के सचेतक मनिकम टैगोर ने कहा, ‘हम चाहते थे कि अविश्वास प्रस्ताव पर कल ही चर्चा होगवर्नमेंट ने बोला है कि इस संबंध में कोई नियम या मिसाल नहीं है, और प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद अध्यक्ष के पास बहस निर्धारित करने के लिए 10 दिन का समय होता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गत 20 जुलाई को मानसून सत्र प्रारम्भ होने के बाद से संसद के दोनों सदन लगातार ठप रहे हैं विपक्ष की मांग है कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पहले सदन के पटल पर मणिपुर की स्थिति पर बयान दें उनका तर्क है कि अविश्वास प्रस्ताव पीएम को संसद बोलने के लिए बाध्य करने का एक साधन है, क्योंकि विपक्षी गठबंधन को पता है कि उनके पास संख्या बल नहीं है

भाजपा ने पीएम मोदी के बयान पर विपक्ष की जिद पर प्रश्न उठाया है और बोला है कि वह गृह मंत्री अमित शाह के उत्तर के साथ चर्चा के लिए तैयार है उनका बोलना है कि यह विपक्ष है जो बहस से कतरा रहा है राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल ने सोमवार को, कहा, ‘यह इस डर के कारण हो सकता है कि बहस उनकी (विपक्ष) कुछ सच्चाइयां में खुलासा कर सकती है, या पूर्वोत्तर में एनडीए गवर्नमेंट द्वारा लाए गए सकारात्मक बदलावों को खुलासा कर सकती है… वैसे भी, यह यह साफ है कि वे चर्चा से भाग रहे हैंबीजेपी को अविश्वास प्रस्ताव से या उसके बिना चिंतित होने का कोई कारण नजर नहीं आता गवर्नमेंट अपने प्रमुख विधेयकों को बिना किसी कठिन के पारित कराने में सफल रही है

इससे पहले 2018 में NDA गवर्नमेंट के विरुद्ध विपक्ष लाया था अविश्वास प्रस्ताव
भाजपा नेताओं ने 2018 में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की बहस का भी हवाला दिया, जहां मोदी ने अपने उत्तर में कांग्रेस पार्टी पर बिना रोक-टोक धावा किया रिपोर्ट में बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बोला गया है, ‘इसने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए माहौल तैयार कर दिया हमारे वक्ता (पीएम मोदी) इस बार भी यह सुनिश्चित करेंगे कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने के अपने निर्णय पर पछतावा हो’ पुणे में मंगलवार को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार स्वीकार करते हुए, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने उसी के संकेत दिए उन्होंने 2014 से पहले ‘विश्वास की कमी’ की तुलना में अब नीतियों और लोगों की कड़ी मेहनत में ‘विश्वास बहाली’ की बात की

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