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हेमंत सोरेन के साथ गलत हुआ : माकपा नेता वृंदा करात

करीब पांच दशक से भारतीय राजनीति में वामपंथ की आवाज बुलंद करनेवाली माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य और पूर्व सांसद वृंदा करात बुधवार को प्रभात समाचार संवाद में पहुंचीं. विचारधारा और मूल्यों की राजनीति की प्रतीक हैं वृंदा करात. लंदन में प्रतिष्ठित जॉब छोड़ लेफ्ट की धारा से जुड़ने वाली वृंदा करात ने इसकी धार को मजबूती दी है. वृंदा करात ने प्रभात समाचार संवाद कार्यक्रम में निजी जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं का जिक्र किया, तो वामपंथ की चुनौती और भावी राजनीति पर भी बेबाक राय रखी.

  • भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमारी लड़ाई है, लेकिन वर्तमान समय में ढंग गलत हैं
  • हेमंत सोरेन ने कुछ सकारात्मक काम किये, पर ग्रास रूट पर जितना होना चाहिए, नहीं हुआ
  • मुझे अपनी विचारधारा पर अटूट विश्वास है, जिस रास्ते पर चलीं हूं, वह ठीक है
  • आज पहचान की पॉलिटिक्स चल रही है. हम जन पहचान की पक्षधर हैं.
  • इंडिया गठबंधन में राज्यों के आधार पर सीट शेयरिंग हो, सबका अपना-अपना असर है

प्रभात समाचार संवाद कार्यक्रम में वृंदा करात ने झारखंड के वर्तमान सियासी घटनाक्रम पर बोला : झारखंड में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के साथ गलत हुआ है. इसकी हम आलोचना करते हैं. हमारी सेंट्रल कमेटी की बैठक में भी हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इसके बाद दिल्ली में बैठक कर बीजेपी लीडरों द्वारा इस्तेमाल किये गये शब्दों पर चर्चा हुई. करप्शन के विरुद्ध हमारी पार्टी की लड़ाई है. करप्शन के विरुद्ध कार्रवाई के अपने ढंग होते हैं. आप साबित करो, चार्जशीट दो, फिर अरैस्ट कर कारावास भेजो. पर यहां आपने पहले ही अरैस्ट कर कारावास भेज दिया. जहां तक हेमंत गवर्नमेंट के कामकाज का प्रश्न है, तो कुछ मुद्दों पर सकारात्मक पहल की गयी है. मिसाल के तौर पर वन पट्टा को लेकर. हालांकि ग्रास रूट पर जितना होना चाहिए था, नहीं हो पाया है.

वामपंथ के सामने चुनौतियों पर श्रीमती करात ने बोला कि पार्लियामेंट्री पॉलिटिक्स में हम सीटों की संख्या के हिसाब से पीछे गये हैं. जहां कभी हमारे 60 अधिक एमपी हुआ करते थे, वहां अभी हमारे केवल चार पर आ गये. राजनीति में परिवर्तन भी एक कारण है, लेकिन आप मेरी बात करें, तो मेरे दिल में हताशा जैसी कोई चीज नहीं है. क्योंकि मैं विश्वास करती हूं अपनी विचारधारा पर. जिस रास्ते में मैं चल रही हूं,वह गलत नहीं है. उन्होंने बोला कि वाम विचारधारा पर जबरदस्त धावा हो रहा है. जाति और धर्म की राजनीति हो रही है. इससे हम समझौता नहीं कर सकते. ऐसे में वाम विचारधारा को लोगों के बीच लेकर जाना गंभीर चुनौती है.

दूसरी बात यह है कि अब पहचान की पॉलिटिक्स चल रही है. हम जन पहचान की पक्षधर हैं. झारखंड में वामदलों का विस्तार नहीं होने के प्रश्न पर उन्होंने बोला हम झारखंड में बहुत पीछे नहीं हैं. आदिवासियों के मामले को लेकर संघर्ष में वामदल और लाल झंडा के साथी का नजदीकी जुड़ाव है. झारखंड में बहुत सारे नौजवान आदिवासी साथी वामदल के साथ जुड़ रहे हैं. इसमें महिलाएं भी शामिल हैं. आनेवाले चुनाव में बीजेपी की चुनौती के संबंध में उन्होंने बोला कि वे अब तक 50 फीसदी वोट नहीं ला पाये हैं. इतना सरल नहीं होगा बहुमत लाना. जनता को बरगलाया नहीं जा सकता है. महंगाई, बेरोजगारी, जनता की असल कठिनाई ही मामले और इसका निराकरण ही उनकी गारंटी है. आप सेल्फी क्लिक करके यह सारी चीजें भुला देंगे, यह नहीं होगा.

इंडिया गठबंधन में तकरार और सीट शेयरिंग के प्रश्न पर हमारी पार्टी की तो प्रारम्भ से समझ थी कि प्रदेश के आधार पर सीट शेयरिंग को लेकर डिस्कशन होना चाहिए. बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, केरल में यह काफी हद तक हो गया है. कांग्रेस पार्टी और हम बंगाल में प्रारम्भ से अलग थे.

इंडिया गठबंधन पर

यह काफी प्रासंगिक प्रश्न है, क्योंकि यह बात एकदम ठीक है. हम लोगों की समझ यही है कि यदि कोई यह सोचे कि हमारे नेतृत्व में या उसके नेतृत्व में हम चलेंगे, तो फिर यह मुद्दा गड़बड़ है. अब झारखंड में किसके नेतृत्व में आगे जायेंगे? झारखंड में तो जेएमएम है. कांग्रेस पार्टी एक नेशनल पार्टी है, तो कोऑर्डिनेशन के लिए एक समझ जरूर थी. किसी एक पार्टी के नेतृत्व में ये कोशिश चल रहे हैं, यह बात ठीक नहीं है. क्योंकि भिन्न-भिन्न प्रदेशों में भिन्न-भिन्न पॉलिटिकल पार्टियों का असर है.

कांग्रेस को नसीहत

हर पार्टी और उनके नेताओं को बीजेपी तोड़ने के लिए टारगेट कर रही है. हर पार्टी को विचारधारा के आधार पर उनका बचाव करना है. मैं तो कांग्रेस पार्टी को कोई राय नहीं दे सकती, लेकिन हिंदुत्व को लेकर एक बात जरूर कहूंगी कि किसी और की विचारधारा की नकल कर, नरमपंथी रुख अपना कर आप खड़ा नहीं हो सकते. आप ठीक उसकी नकल कर आगे नहीं बढ़ सकेंगे.

किसान आंदोलन पर

आज किसान दिल्ली मार्च कर रहे हैं. आप मोदी गवर्नमेंट की गारंटी की बात कर रहे हैं. आप बताइए कि आपने एमएसपी की गारंटी को आज तक लागू नहीं किया. अब जब किसान ढाई वर्ष बाद मार्च कर रहे हैं, तो आप हर स्थान बैरिकेड कर रहे हैं. ड्रोन से उनके ऊपर टीयर गैस के गोले बरसा रहे हैं.

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