सीएम केजरीवाल आज प्रवर्तन निदेशालय के नहीं होंगे समक्ष पेश
आम आदमी पार्टी (आप) के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल, प्रवर्तन निदेशालय के साथ जांच में योगदान करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके साथ ही ‘आप’ का बोलना है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भेजा गया नोटिस गैर कानूनी है।
आम आदमी पार्टी का बोलना है कि प्रवर्तन निदेशालय यह नहीं बता रही है कि वह अरविंद केजरीवाल को किस हैसियत से बुला रही हैं। न तो केजरीवाल इस मुद्दे में गवाह हैं और न ही वे अभियुक्त हैं, प्रवर्तन निदेशालय ने यह अब तक साफ नहीं किया है।
इसके साथ ही नोटिस की टाइमिंग पर भी प्रश्न है। पार्टी ने इस विषय पर आधिकारिक बयान में बोला कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब सारे दल और केंद्र गवर्नमेंट स्वयं लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है, तब चुनाव के प्रचार से पहले सीएम अरविंद केजरीवाल को अरैस्ट करने की षड्यंत्र की जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि केजरीवाल लोकसभा चुनाव में प्रचार न कर सकें और उनको कारावास में बंद कर दिया जाए।
आप का बोलना है कि पिछले डेढ़ वर्ष से इस मुद्दे की जांच चल रही है। जब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, चार्जशीट के बाद इस स्टेज पर अरविंद केजरीवाल को क्यों बुलाया जा रहा है।
पार्टी का बोलना है कि यह अरविंद केजरीवाल को अरैस्ट करने की षड्यंत्र है। उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने की प्रयास है।
गौरतलब है कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी के मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को तीसरा नोटिस जारी किया था। प्रवर्तन निदेशालय नोटिस के अनुसार मुख्यमंत्री केजरीवाल को 3 जनवरी को पेश होना था। इस नोटिस से पहले भी प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली के सीएम को दो और नोटिस भेज चुकी है।
ईडी के नोटिस पर केजरीवाल ने लिखित उत्तर भेजा था जिसमें उन्होंने समन को को अवैध और राजनीति से प्रेरित कहा और पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे। प्रवर्तन निदेशालय ने पहला समन दो नवंबर और फिर 21 दिसंबर 2023 को दिल्ली के सीएम को भेजा था। तीसरा समन बुधवार 3 जनवरी को पेश होने के लिए भेजा गया था। वहीं मुख्यमंत्री की ओर से साफ कर दिया गया है कि वह अभी प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं होंगे।