राष्ट्रीय

CM धामी ने टनल से बाहर निकले मजदूरों के लिए मुआवजे का किया एलान

नई दिल्ली/उत्तरकाशी: जहां उत्तरकाशी स्थित टनल (Uttarkashi Tunnel Rescue) में फंसे मजूदरों को काफी दिक्कतों के बाद आखिरकार 17वें दिन सुरक्षित निकाल लिया गया वहीं इस रेस्क्यू मिशन (Rescue Mission) के पुरे होने से श्रमिकों के साथ-साथ प्रशासन और परिजनों ने भी राहत की सांस ली है वहीं सुरंग से निकले मजदूरों के लिए एक और राहत भरी समाचार है दरअसल सीएम धामी (CM Pushkar Dhami) ने श्रमिकों के लिए मुआवजे का घोषणा किया है इसके अनुसार सभी श्रमिकों को गवर्नमेंट एक-एक लाख की राहत राशि उपलब्ध कराएगी

इधर पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सिल्कयारा सुरंग (Silkyara tunnel) से सफलतापूर्वक बचाए गए मजदूरों से टेलीफोन पर वार्ता की है इसके साथ ही उन्होंने इन सभी श्रमिकों का कुशल क्षेम पूछा और उनका उत्साहवर्धन किया

क्या कहते हैं बचाए गए श्रमिक

इधर सिल्क्यारा सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए 41 मजदूरों की चिकित्सा जांच चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में की जा रही है वहीं सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए 41 मजदूरों में से एक मजदूर सुबोध कुमार वर्मा ने बताया, “हमें वहां(सुरंग) पर 24 घंटों तक खान-पान और हवा से संबंधित कठिनाई हुई इसके बाद पाइप के द्वारा खाने-पीने की चीज़ें भेजी गईं मैं स्वस्थ हूं, कोई कठिनाई नहीं है केंद्र और राज्य गवर्नमेंट की मेहनत थी जिस वजह से मैं निकल पाया

इसके साथ ही बचाए गए 41 मजदूरों में से एक मजदूर विश्वजीत कुमार वर्मा ने कहा, “जब मलबा गिरा तो हमें पता चल गया कि हम फंस गए हैं सभी हमें निकालने के कोशिश में लगे रहे हर तरह की प्रबंध की गईऑक्सीजन की, खाने-पीने की प्रबंध की गईपहले 10-15 घंटे हमें परेशानी का सामना करना पड़ा, बाद में पाइप के द्वारा खाना मौजूद कराया गया बाद में माइक लगाया गया था और परिवार से बात हो रही थीअब मैं खुश हूं

जब सुरंग में लगे ‘भारत माता की जय के नारे’

गौरतलब है कि उत्तरकाशी स्थित टनल में फंसे मजूदरों के सफल बचाव अभियान के बाद उत्साहित बचाव दल ने कल सिल्कयारा सुरंग के अंदर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए वहीं 41 मजदूरों को बचाने वालों में शामिल NDRF कर्मी मनमोहन सिंह रावत ने कहा, “मैं जैसे ही टनल के अंदर पहुंचा तो सभी मजदूर बहुत खुश थे कि NDRF टीम पहुंच चुकी हैयह हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण था उनका मानसिक संतुलन बनाने के लिए हम उन्हें आश्वस्त करते रहे कि उन्हें जल्द ही बचा लिया जाएगा

इस मामले में तरराष्ट्रीय टनलिंग जानकार अर्नोल्ड डिक्स ने जानकारी दी कि कहा, “हम शांत थे और हम जानते थे कि वास्तव में हमें क्या करना है हमने एक अद्भुत टीम के रूप में काम किया हिंदुस्तान के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर, सेना, सभी एजेंसियांइस सफल मिशन का हिस्सा बनना खुशी की बात है

जानकारी दें कि बीते 12 नवंबर की सुबह 5:30 से 28 नवंबर की शाम 8;35 बजे तक यानी 17 दिन, करीब 399 घंटे बाद पहला मजदूर शाम 7:50 बजे बाहर निकाला गया था इसके ठीक 45 मिनट बाद रात 8:35 बजे सभी को बाहर निकाल लिया गया था इसके बाद सभी को एम्बुलेंस से चिन्यालीसौड़ हॉस्पिटल भेजा गया अभी सभी खुश हैं और स्वास्थ्य फायदा ले रहे हैं

 

Related Articles

Back to top button