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CAA के तहत नागरिकता मिलने पर पाकिस्तान से भागकर आए एक परिवार की बेटी ने कहा…

नई दिल्ली: पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर हिंदुस्तान आए लोग अब नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम हैं. 15 मई को गृह मंत्रालय से 350 लोगों को नागरिकता मिली और उनमें से 14 को बुलाकर उनके दस्तावेज़ सौंपे गए, जबकि अन्य को डिजिटल ढंग से नागरिकता प्रदान की गई. प्राप्तकर्ताओं ने भारतीय नागरिक बनने पर बहुत खुशी व्यक्त की और अपने जीवन में परिवर्तन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया. भावना, जो पाक से भागकर आए एक परिवार की बेटी हैं, ने अपनी खुशी व्यक्त की और कहा, “यह हमारे लिए एक नया जीवन पाने के बराबर है.

भावना ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बोला कि, ‘हमें वहां काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लड़कियों का घर से बाहर निकलना कठिन है और वे पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं मुस्लिम हिंदू लड़कियों का किडनैपिंग करते हैं और उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए विवश करते हैं. लड़कियाँ अपने घरों में ही रहती हैं, क्योंकि उन्हें बाहर निकलने में डर लगता है और यदि कभी बाहर निकलना हो तो उन्हें बुर्का पहनना पड़ता है. वहां अभी भी हमारे कई सम्बन्धी हैं जो हिंदुस्तान आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वीजा मिलने में परेशानी हो रही है. हम अपने राष्ट्र में आकर बहुत खुश हैं. पीएम मोदी ने हमारी बहुत सहायता की है. हम उन्हें और अमित शाह को धन्यवाद देना चाहते हैं. जब CAA पारित हुआ तो मैं बहुत खुश थी. मैं आगे पढ़ रही हूं और एक टीचर बनना चाहती हूं और दूसरों, खासकर स्त्रियों को भी शिक्षित करना चाहती हूं.

भारतीय नागरिकता पाने वालों में यशोदा भी शामिल हैं. वे बताती हैं कि, ”मैं दस वर्ष पहले 2013 में यहां पहुंची थी, लेकिन अब तक नागरिकता नहीं मिली थी. अब हम भारतीय बनकर खुश हैं. हमारे बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश भी नहीं मिल पा रहा था. अब चीजें बेहतर होंगी और हमें भी अन्य नागरिकों की तरह ही सुविधाएं मिलेंगी. हम भी अपने बच्चों को विद्यालय भेजेंगे. हम नागरिकता के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और हिंदुस्तान को धन्यवाद देते हैं.हिंदुस्तान के नागरिक बने हरीश कुमार ने बोला कि, ”मैं पिछले 13-14 वर्ष से दिल्ली में रह रहा हूं. यह एक सपने के सच होने जैसा लगता है, मैं बहुत खुश हूं. यह मेरे लिए नये जन्म जैसा है‘ मैं हिंदुस्तान गवर्नमेंट का बहुत आभारी हूं. अधिकार बहुत जरूरी हैं क्योंकि अब हम उच्च शिक्षा और सुरक्षित नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं.

बता दें कि, इस वर्ष 11 मार्च को, मोदी गवर्नमेंट ने CAA को अधिसूचित किया, जिससे CAA-2019 के अनुसार पात्र किसी भी आदमी को भारतीय नागरिकता के लिए याचिका दाखिल करने की अनुमति मिल गई, जो कि ईसाई, पारसी, सिख, जैन, बौद्ध और हिंदू सहित पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए गए अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों को प्रदान की जाएगी. जो दिसंबर 2019 में लागू हुए कानून के अनुसार 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले हिंदुस्तान आए थे. CAA पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने इसे स्वीकृति दे दी थी, लेकिन भारतीय नागरिकता देने वाले नियम जारी नहीं किए गए थे. इस साल तक चार सालों से अधिक समय तक जो उनकी देरी का कारण था. उल्लेखनीय है कि CAA से भारतीय नागरिकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसे बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाक के छह उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की सहायता के लिए लाया गया था.

 

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