ब्राजील देगा भारत को ये तकनीक, जिससे भारत को होगा बहुत फायदा
भारत जल्द ही ब्राजील से इथेनॉल उत्पादन तकनीक हासिल करेगा, जिससे हिंदुस्तान की अन्य राष्ट्रों पर ईंधन निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी। दरअसल, ब्राजील ने हिंदुस्तान के साथ अपनी इथेनॉल उत्पादन तकनीक साझा करने की पेशकश की है। ब्राजील के कृषि और पशुधन मंत्री कार्लोस फेवरो ने एक इंटरव्यू में बोला कि ब्राजील हिंदुस्तान के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने की योजना बना रहा है। ऐसे में निकट भविष्य में हिंदुस्तान इथेनॉल उत्पादक राष्ट्र के रूप में जाना जाएगा और इस पहल से विदेशों से आयातित कच्चे ऑयल की मात्रा में कमी आएगी।
इथेनॉल तकनीक हिंदुस्तान को दी जाएगी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बोला कि ब्राजील ने चीनी व्यापार टकराव को पारस्परिक रूप से सुलझाने के लिए विश्व व्यापार संगठन में वार्ता प्रारम्भ की है। इसके लिए ब्राजील ने हिंदुस्तान के साथ अपनी इथेनॉल उत्पादन तकनीक साझा करने की पेशकश की है। अधिकारी ने आगे बोला कि ब्राजील ने अधिशेष चीनी उत्पादन का इस्तेमाल करने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्राजील के लिए प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए हिंदुस्तान को इथेनॉल तकनीक की पेशकश की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि हिंदुस्तान ने अपने पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल का लक्ष्य रखा है। इससे घरेलू स्तर पर इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने में दो लाभ होंगे। एक तो यह कि विदेशों से कच्चे ऑयल का आयात इतना कम हो जाएगा कि हिंदुस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बच जाएगा और पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में भी परिवर्तन आएगा। दूसरे, बेचे जाने वाले पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने से पेट्रोल की लागू मूल्य में भी कमी आएगी, जिससे आम आदमी को पेट्रोल-डीजल की कीमतों से राहत मिल सकेगी।
ब्राजील इथेनॉल उत्पादन में सबसे आगे है
आपको बता दें कि ब्राजील में गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन किया जाता है और ब्राजील इस तकनीक में काफी उन्नत है। ऐसे में ब्राजील से इथेनॉल उत्पादन तकनीक मिलने से हिंदुस्तान भी आत्मनिर्भर बनेगा। आपको बता दें कि ब्राजील दुनिया में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राष्ट्र है। इसके बाद हिंदुस्तान गन्ना उत्पादन में आगे आता है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राष्ट्र है। एक ओर, ब्राज़ील ने 2022 में लगभग 11 बिलियन $ मूल्य की चीनी का निर्यात किया। जबकि हिंदुस्तान ने करीब 5.7 अरब $ की चीनी निर्यात की।
भारत को बहुत लाभ होगा
ऐसे में ब्राजील के इस प्रस्ताव से हिंदुस्तान को काफी लाभ हो सकता है। दरअसल, हिंदुस्तान का लक्ष्य पेट्रोलियम ऑटो ईंधन में इथेनॉल मिश्रण का फीसदी धीरे-धीरे बढ़ाना और आयातित कच्चे ऑयल पर निर्भरता कम करना है। ऐसे में इथेनॉल उत्पादन तकनीक हिंदुस्तान के लिए कारगर साबित होगी।
20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखें
ब्राज़ील के पास फ्लेक्स तकनीक है। ऐसी स्थिति में वे इथेनॉल मिलाते हैं। ब्राजील ने बोला है कि हिंदुस्तान अपनी ईंधन जरूरतों को पूरा करने के लिए इथेनॉल उत्पादन के लिए अपनी अधिशेष चीनी का इस्तेमाल कर सकता है। आपको बता दें कि हिंदुस्तान अपनी 85 प्रतिशत ऑयल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। इसके साथ ही 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य है। मालूम हो कि अमेरिका और ब्राजील मिलकर दुनिया के कुल इथेनॉल उत्पादन का 84 प्रतिशत उत्पादन करते हैं। हालाँकि हिंदुस्तान में इथेनॉल उत्पादन के लिए पर्याप्त सामग्री मौजूद है, फिर भी राष्ट्र में बड़ी मात्रा में इथेनॉल प्राप्त किया जा सकता है।