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Bombay High Court का बड़ा फैसला: एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिसकर्मी प्रदीप को हुई उम्रकैद की सजा

बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार ( 19 मार्च ) को मुठभेड़ स्पेशलिस्ट पूर्व पुलिसकर्मी प्रदीप शर्मा को 2006 में रामनारायण गुप्ता के फर्जी एनकाउंटर के मुद्दे में गुनेहगार ठहराया साथ ही न्यायालय ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई कहा जा रहा है, कि रामनायाण गैंगस्टर छोटा राजन का कथित रूप से करीबी सहयोगी था

न्यायमूर्ति रेवती मोहित डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ सुनवाई कर रही थी खंडपीठ ने प्रदीप शर्मा को बरी करने के सत्र न्यायालय के 2013 के निर्णय को अनुचित और अपरिपक्व करार दिया और उसे रद्द किया

हाई न्यायालय ने कहा, कि “निचली न्यायालय ने शर्मा के विरुद्ध उपस्थित सबूतों को नजरअंदाज कर दिया था कई सबूत इस मुद्दे में उनकी संलिप्तता साबित करती है पीठ ने पूर्व पुलिसकर्मी को तीन सप्ताह के भीतर संबंधित सत्र के सामने सेरेण्डर करने का निर्देश दिया मर्डर के लिए 13 पुलिसवालों सहित 22 लोगों पर इल्जाम लगाया गया था

साल 2013 में शर्मा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था और 21 आरोपियों को गुनेहगार ठहराया था न्यायालय ने उन्हें जीवन भर जेल की सजा सुनाई थी इन 21 आरोपियों में से दो की हिरासत में मृत्यु हो गई आरोपियों ने अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की, वहीं अभियोजन पक्ष और मृतक के भाई रामप्रसाद गुप्ता ने शर्मा को बरी करने के निर्णय के विरुद्ध अपील दाखिल की

विशेष लोक अभियोजक राजीव चव्हाण ने दलील दी, कि वर्तमान मुद्दे में, जो अधिकारी कानून और प्रबंध के संरक्षक थे,  वे स्वयं एक सुनियोजित मर्डर में शामिल थे मुद्दे में शर्मा को गुनेहगार ठहराने का निवेदन करने वाले अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि पूर्व पुलिसकर्मी किडनैपिंग और मर्डर के पूरे अभियान का मुख्य साजिशकर्ता था

11 नवंबर 2006 को, एक पुलिस दल ने गुप्ता उर्फ ​​लखन भैया को पड़ोसी वाशी से इस शक पर पकड़ा था कि वह राजन रैकेट का सदस्य है उसके साथ उसके दोस्त अनिल भेड़ा को भी पकड़ा गया था गुप्ता को उसी शाम उपनगरीय वर्सोवा में नाना-नानी पार्क के पास एक “फर्जी” एनकाउंटर में मार डाला गया था

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