राष्ट्रीय

भाजपा ने अपने बड़े स्तर पर कई नई और अनोखी तैयारी की शुरू

आने वाले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यूपी पर अपना पूरा फोकस सेट कर दिया है पार्टी इस तैयारी में है कि लोकसभा चुनावों में किसी ढंग की कोई कमी न रहे और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा के चुनावों में उनका तय लक्ष्य 80 सीटों का पूरा हो सके इसके लिए बीजेपी ने अपने बड़े स्तर पर कई नयी और अनोखी तैयारी भी प्रारम्भ कर दी है इन्हीं तैयारी में एक नयी और अनोखी तैयारी है यूपी के गांव, शहर और कस्बों में बने मंदिर मठों और अनेक धर्मों के पूजा स्थलों और इबादतगाहों के पुजारियों से मिलकर उनके साथ संबंधों को और मजबूत करने की इसके लिए बाकायदा बीजेपी ने कुछ दिन पहले से न केवल काम प्रारम्भ किया है बल्कि पूरी लिस्ट भी बनानी प्रारम्भ कर दी है

इस तरह से साधा जाएगा यूपी के इस समाज को…

भारतीय जनता पार्टी की इस योजना के मुताबिक, यूपी के हर स्थान बने धार्मिक स्थलों और समुदायों को टारगेट कर वहां रहने वाले साधु संत और उनसे जुड़े अनुयायियों को अपने साथ जोड़ने की बड़ी योजना बनी है इस योजना के अनुसार, पार्टी में सभी जिलाध्यक्षों के माध्यम से उनके जिलों में शामिल ऐसे सभी धर्मस्थलों और उनसे जुड़े सामाजिक और धार्मिक संगठनों की सूची बनाकर उनके साथ समरसता भोज आयोजित करने की योजना बनाई है बीजेपी की योजना है कि इस तरह से समरसता भोज को यूपी के सभी विधानसभा क्षेत्रों के धार्मिक संगठन और धार्मिक स्थलों से जुड़े प्रत्येक आदमी तक पहुंचा जा सकेगा यह कार्यक्रम अगले साठ दिनों में समूचे यूपी में पूरा कर लिया जाएगा

केंद्र को भेजी जाएगी इस समरसता भोज की पूरी रिपोर्ट…

वैसे तो सभी राज्यों में होने वाली अनेक तरह की गतिविधियों की पूरी रिपोर्ट केंद्र को भेजी ही जाती है लेकिन धार्मिक संगठनों और धार्मिक स्थलों पर आयोजित होने वाले समरसता भोज और वहां आयोजित किए गए अन्य कार्यक्रमों की पूरी जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी बताते हैं कि यह कार्यक्रम एक अगस्त से प्रारम्भ किया जा चुका है उनका बोलना है कि इस तरह से बीजेपी उन सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों समेत मंदिर मठ और पुजारियों से न केवल सीधे तौर पर जुड़ेगी बल्कि बूथ अध्यक्षों के माध्यम से यह भी सुनिश्चित करेगी कि सभी मंदिरों से जुड़े रहने वाले साधु संतों के वोट भी बन सके

 

और जनप्रतिनिधियों से मिलकर तैयार करें नयी सूची…

भाजपा की इस योजना के अनुसार तय यह भी किया गया है कि पूर्व जनप्रतिनिधियों और पूर्व पदाधिकारियो से अगले कुछ दिनों के भीतर जुड़ा जाए और उसकी पूरी रिपोर्ट भी केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाए पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता बताते हैं कि इसी सप्ताह दिल्ली में आयोजित हुई एक बड़ी बैठक के दौरान तय हुआ है कि संगठन से जुड़े ऐसे लोगों के अनुभवों समेत उनके अपने क्षेत्र में उपस्थित असर के माध्यम से भी लोगों तक जुड़ना चाहिए ताकी उनके अनुभवों से पार्टी विचारधारा और केंद्र गवर्नमेंट की योजनाओं को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके

साधु संतों और धार्मिक लोगों से जुड़ने की यह है बड़ी वजह…

राजनीतिक जानकारों का बोलना है कि यूपी में साधु संतों समेत धार्मिक और सामाजिक संगठनों से सीधे तौर पर बीजेपी जुड़कर कई संदेश देने की प्रयास कर रही है सियासी विश्लेषक जीडी शुक्ला कहते हैं कि एक तो मंदिर और मठों से जुड़े हुए लाखों संत समाज के लोगों के साथ होने वाले समरसता भोज के माध्यम से न केवल सीधे तौर पर जुड़ सकेगी बल्कि पहले से जुड़े इस समाज के लोगों में पार्टी के प्रति और विश्वास भी बनेगा इसके अतिरिक्त जनवरी में खुलने वाले राम मंदिर के पहले आंदोलनो में संत समाज की बड़ी भागीदारी रही है अब बीजेपी इसके माध्यम से न केवल उनको धन्यवाद प्रेषित कर सकेगी बल्कि उनके सहयोग को बड़ी उपलब्धि के तौर पर समाज में आगे बढ़ाने की रणनीति भी बनाएगी जीडी शुक्ला कहते हैं निश्चित तौर पर इससे बीजेपी को बड़ा राजनीतिक लाभ भी होने वाला है यही वजह है कि पार्टी ने सत्ता के लिए बनाई जाने वाली अनेक राहों में मंदिर और मठों सभी धर्म के लोगों से मिलने की बड़ी योजना बनाई है


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