भारत में अवैध रूप से घुसे बांग्लादेश के भाई बहन, पुलिस ने किया गिरफ्तार
ये दोनों भाई-बहन अजमेर के दरगाह क्षेत्र में फर्जी आईडी प्रूफ बनाकर किराए पर रह रहे थे। ये दोनों दूसरी बार हिंदुस्तान में घुसे थे। इनके पास से फर्जी आधार कार्ड मिला है। इसमें दोनों को पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना क्षेत्र का निवासी कहा गया है। दोनों करीब दो महीने से अजमेर में रहकर कपड़ों का कारोबार कर रहे थे। सीआईडी ने संदेह के आधार पर इन्हें अरैस्ट किया था, लेकिन पुलिस की पूछताछ में इनकी हकीकत सामने आ गई।
युवती महमूदा अख्तर पहले दो बार वीजा लेकर हिंदुस्तान आ चुकी है। उस दौरान महमूदा ने हैदराबाद, कलकत्ता, अजमेर सहित हिंदुस्तान के भिन्न-भिन्न जगहों पर घूम-घूमकर काम किया था। हालाँकि, जब कोविड का प्रकोप फैला तो वह वापस बांग्लादेश लौट गई थी। महमूदा ने पुलिस को कहा कि इस बार वीजा नहीं मिला तो वह एजेंटों के जरिए गैरकानूनी रूप से हिंदुस्तान में घुस आई।
15 हजार में की दलाल के जरिए हिंदुस्तान में एंट्री
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, गिरफ्त में आए बांग्लादेशी भाई-बहन के नाम नाहिद हुसैन (21) और महमूदा अख्तर (30) हैं। ये बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के रहने वाले हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका से सटे मुंशीगंज जिले में कामकाज की कमी को देखते हुए दोनों भाई-बहन ने हिंदुस्तान में आने की योजना बनाई थी। दोनों दो माह से अजमेर में रह रहे थे। पुलिस से पूछताछ में उन्होंने कहा है कि केवल 15 हजार रुपए में बांग्लादेश के लोगों को हिंदुस्तान में एंट्री मिल जाती है। ये कोई कठिन काम नहीं है। उनका बोलना है कि बॉर्डर पर हिंदुस्तान और बांग्लादेश के लोग मिले हुए होते हैं। बॉर्डर क्षेत्र में कई दलाल एक्टिव हैं, जो रुपए लेकर बॉर्डर पार कराने का काम करते हैं।
बाड़ के नीचे से मिलती है एंट्री
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने कहा कि उन्हें बाड़ के नीचे से एंट्री मिल जाती है। ऐसा किसी एजेंट के जरिए ही किया जाता है। हिंदुस्तान में आने के बाद वो फर्जी कागज और पहचान पत्रों के दम पर अपनी आगे की जीवन जीते हैं। दोनों ने कहा कि लॉकडाउन से पहले भी वे हिंदुस्तान में ही थे। इस बार वो दूसरी बार हिंदुस्तान आए हैं। दोनों भाई-बहन अजमेर के दरगाह थाना क्षेत्र के नला बाजार में किराए पर कमरा लेकर रहते थे। दोनों ने नाम भी बदल लिया था। इस तरह सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंक कर दोनों भाई-बहन अजमेर में रहकर बिजनेस कर रहे थे। हालांकि, उनकी पोल खुल गई और पुलिस ने उन्हें अरैस्ट कर लिया।
अजमेर बना हुआ है घुसपैठियों का अड्डा
बता दें कि अजमेर के बीजेपी नेताओं और पदाधिकारियों ने कई बार जिला पुलिस और इंटेलिजेंस को दरगाह के साथ ही अजमेर के भिन्न-भिन्न इलाकों में बांग्लादेशियों के गैरकानूनी रूप से रहने की कम्पलेन दर्ज कराई थी, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। राजस्थान के अजमेर में वह दरगाह क्षेत्र में गैरकानूनी रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की एक बड़ी संख्या है। पिछले कई वर्षों में यहाँ कई बांग्लादेशी घुसपैठिए अरैस्ट किए गए हैं। इस परेशानी को देखते हुए राजस्थान गवर्नमेंट ने पुलिस उपाधीक्षक गौरी शंकर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन पर बांग्लादेशियों को योजनाबद्ध ढंग से दबोचने का जिम्मा दिया गया है।