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Arvind Kejriwal Hearing: SC के इस सवाल पर CM केजरीवाल का जवाब…

Arvind Kejriwal Supreme Court Hearing: कारावास में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी और उसके बाद हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की है इसकी सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने प्रश्न किया है कि अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल न्यायालय में जमानत याचिका क्‍यों नहीं दाखिल नहीं की है जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रश्न किया कि आज तक आपने जमानत के लिए अर्जी क्‍यों नहीं दाखिल की? इसके उत्तर में अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने बोला कि हमने जमानत याचिका दाखिल नहीं की है, क्योंकि गिरफ्तारी ‘अवैध’ है और PMLA की धारा 19 का दायरा बहुत व्यापक है गिरफ्तारी अपने आप में अवैध है

जमानत याचिका से क्यों बच रहे अरविंद केजरीवाल?

वहीं, प्रवर्तन निदेशालय का पक्ष रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने बोला कि अरविंद केजरीवाल ने बाद की हिरासत पर कोई विरोध नहीं जताई तो इसके उत्तर में अभिषेक मनु सिंघवी ने उत्तर दिया कि वैसे शुरुआती गिरफ्तारी गैरकानूनी थी, इसलिए बाद की हिरासत पर कोई विरोध नहीं जताई

अरविंद केजरीवाल की क्या है दलील?

इसके अलावा, अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि CBI की एफआईआर और प्रवर्तन निदेशालय की ईसीआईआर सहित डॉक्यूमेंट्स अरविंद केजरीवाल को कथित घोटाले से दूर-दूर तक जोड़ते नहीं हैं अरविंद केजरीवाल की तरफ से सिंघवी ने बोला कि तीन सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किए गए हैं, जिनमें मेरा नाम नहीं है

अरविंद केजरीवाल का आरोप

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में दाखिल नए हलफनामे में अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी आलोचना की है और तर्क दिया है कि यह मौजूदा चुनावों के दौरान सत्ताधारी पार्टी को गलत ढंग से लाभ पहुंचाता है यह ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव’ के सिद्धांत से समझौता है

एजेंसी पर उठाए सवाल

उन्होंने इस मुद्दे को केंद्र गवर्नमेंट की तरफ से सियासी विरोधियों को दबाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का एक प्रमुख उदाहरण बताया उन्होंने अपना रुख दोहराया कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को कमजोर करने के ठोस प्रयास का हिस्सा थी

इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे में बोला गया कि अरविंद केजरीवाल की याचिका में कोई दम नहीं है और वे जांच में योगदान नहीं कर रहे थे इसीलिए उनकी गिरफ्तारी महत्वपूर्ण हो गई थी

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