कश्मीर में भारी बर्फबारी के बीच देवदूत बने सेना के जवान
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना (Army) के जवानों ने देवदूत बनकर एक स्त्री की जान बचाई। इस तरह आर्मी के जवानों ने एक बार फिर ड्यूटी के दौरान अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया। कुपवाड़ा में भारी बर्फबारी के बीच विलगाम आर्मी कैंप में एक गर्भवती स्त्री को बचाने के लिए प्रारम्भ किया गया ऑपरेशन सफल रहा। बीती रात करीब पौने 11 बजे, विलगाम आर्मी कैंप में SHO विलगाम और पीड़ित स्त्री सफूरा बेगम के पति मुश्ताक अहमद का आपातकालीन मैसेज मिला। जिसमें एक स्त्री को बचाने की गुहार लगाई गई थी जिसकी हालत गंभीर थी।
समय रहते हॉस्पिटल पहुंचाया
कुपवाड़ा में भारी बर्फबारी के बीच जवानों ने एक गर्भवती स्त्री को समय रहते हॉस्पिटल पहुंचाया। जवानों की सहायता से समय रहते स्त्री हॉस्पिटल पहुंची और उसके बच्चे की जान बच गई। दरअसल, हिमपात के कारण कुपवाड़ा के भीतरी इलाकों मे ज्यादातर सड़कें बंद हो गई। जिससे वाहनों का आवागमन थम गया। ऐसे में आर्मी ने स्त्री की सहायता के लिए कदम बढ़ाए और कंधे पर उठाकर स्त्री की सहायता की।
जानकारी के अनुसार भारी हिमपात के कारण कुपवाड़ा के भीतरी इलाकों मे अधिकतर सड़कें बंद हो गई। जिससे शहर में वाहनों का आवागमन थम गया था। इसी दौरान मंजूर अहमद खान की पत्नी को सुबह प्रसव पीड़ा प्रारम्भ हो गई। गांव में उपस्थित आशा वर्कर ने उसे तुरंत समय पर हॉस्पिटल पहुंचने को बोला था।
दो दिन से रोड थी बंद
अपनी सुरक्षा को खतरे में डालते हुए जवानों ने आधी रात को 2 से 3 फीट बर्फ में करीब 8 किमी तक पैदल यात्रा की। सड़क पर भारी बर्फ के बावजूद, बचाव दल समय पर हॉस्पिटल पहुंचा जिससे स्त्री को ठीक समय पर उपचार मिल गया।
परिवार ने दिया सेना को धन्यवाद
इस बीच पीड़ित परिवार ने मां और बच्चे की जान बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई और समय पर सहायता के लिए इंडियन आर्मी और विलगाव पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने डॉक्टरों का भी शुक्रिया अदा करते हुए उन्हें दुवाएं दी हैं।