नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने INDIA गठबंधन में दरार को लेकर कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए बोला कि कुछ लोग अपने गठबंधन के भीतर “न्याय” करने में असफल रहे हैं। उनकी यह टिप्पणी बिहार के सियासी संकट के बीच आई है, जिसमें नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA की ओर यू-टर्न लेने और राज्य में नयी गवर्नमेंट बनाने की आसार है।
अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बोला कि, ”कुछ लोग अपने गठबंधन के भीतर भी इन्साफ नहीं कर सके, यही वजह है कि यह (दरार) एक के बाद एक राज्य में बढ़ रही है।” दरअसल, राहुल गांधी ने अपने भाषणों में बार-बार बोला है कि कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो इन्साफ यात्रा’ राष्ट्र भर में इन्साफ दिलाने की सबसे पुरानी पार्टी की प्रयास है। विपक्ष के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन में दरार इस हफ्ते की आरंभ में तब केंद्र में आ गई जब तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी आनें वाले लोकसभा चुनाव में राज्य में अकेले लड़ेगी।
इस बीच, नीतीश कुमार भी INDIA गठबंधन से नाराज हैं और अब बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में वापस जाने पर विचार कर रहे हैं। जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) चीफ नितीश कथित तौर पर बिहार और अन्य राज्यों में इण्डिया ब्लॉक में सीट-साझाकरण वार्ता विफल होने से असंतुष्ट हैं, जहां क्षेत्रीय दल मेगा गठबंधन में शामिल हो गए हैं। बिहार के सीएम का यह भी मानना है कि लोकसभा चुनाव निकट आने के साथ, सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो इन्साफ यात्रा’ पूरी तरह से सबसे पुरानी पार्टी के फायदा के लिए प्रारम्भ की गई है, न कि INDIA गुट के लिए।
वहीं, ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनावों में सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने के अपने निर्णय के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ सीट-साझाकरण वार्ता विफल होने का भी हवाला दिया था। उन्होंने बोला था कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने जो भी प्रस्ताव दिया था, सबसे पुरानी पार्टी ने “सभी को अस्वीकार कर दिया”। कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस पार्टी को सिर्फ़ दो सीटों की पेशकश की, जिससे INDIA गठबंधन के सदस्यों के बीच मतभेद हो गया। कांग्रेस पार्टी की स्पष्टता की कमी और आंतरिक निंदा से निराश होकर, ममता बनर्जी ने निर्णय किया कि उनकी पार्टी बंगाल की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस ने तनाव को कम करके स्थिति को कम करने का कोशिश किया है। शुक्रवार को, कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने मीडिया को सूचित किया कि वे बिहार की सियासी स्थिति पर नजर रख रहे हैं, और बोला कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी में वापस जाना सरल नहीं होगा। ममता बनर्जी की घोषणा के बाद राहुल गांधी ने भी तनाव कम करने की प्रयास की, लेकिन पश्चिम बंगाल की सीएम अपने निर्णय पर अड़ी रहीं। वहीं, सपा (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बोला था कि कांग्रेस पार्टी में “उत्साह” की कमी है और उसे इण्डिया ब्लॉक के भीतर दरार को मिटाने के लिए आगे आना चाहिए था। उन्होंने यह भी बोला कि यदि नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ रहते तो पीएम बन सकते थे।