राष्ट्रीय

8 विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम नागौर के 2 काॅलेजों में रखा गया विशेष सुरक्षा बंदोबस्त के बीच

नागौर सीट के लोकसभा प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद हो चुका है. प्रथम चरण में 19 अप्रैल को हुए मतदान के बाद नागौर लोकसभा क्षेत्र के सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम नागौर जिला‌ मुख्यालय के 2 काॅलेजों में विशेष सुरक्षा बंदोबस्त के बीच रखी हैं. नागौर लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डाक्टर ज्योति मिर्धा, इंडी गठबंधन के रालोपा प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल, बीएसपी के गजेंद्र सिंह राठौड़, अभिनव राजस्थान पार्टी के डाक्टर अशोक चौधरी समेत 9 प्रत्याशी मैदान में हैं.

नागौर जिला मुख्यालय की बलदेवराम मिर्धा कॉलेज और माडी बाई कॉलेज में ईवीएम मशीनें सुरक्षित रखी गई हैं. दोनों कॉलेज में 4-4 विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम मशीनें रखी हैं. इन मशीनों की सुरक्षा में त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा लगा हुआ है. सुरक्षा के तीनों घेरों में हथियारबंद जवान तैनात हैं. इसके अतिरिक्त हर चप्पे पर सीसीटीवी से नज़र रखी‌ जा रही है. जिला‌ निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार पुरोहित ने कहा कि मतगणना तक ईवीएम मशीनों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों के अतिरिक्त एक प्राधिकृत अधिकारी हर समय वहां उपस्थित रहता है. जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं सुरक्षा बलों की क्रमवार ड्यूटी लगाई गई है. स्ट्रांग रूम की ओर किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं है. ईवीएम की सुरक्षा प्रबंध के लिए जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है. मतगणना से पहले मतगणना दल के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

जिला पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने कहा कि ईवीएम मशीनों की सुरक्षा में सबसे पहले बाहरी मोर्चे पर राजस्थान पुलिस के हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात हैं. अंदर जाने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों समेत प्रत्येक आदमी की पूरी जानकारी समय सहित लिखी जाती है. इसके बाद सुरक्षा के द्वितीय मोर्चे पर आरएसी के जवान हथियार सहित तैनात हैं. यहां तक केवल प्रत्याशी और निर्वाचन अभिकर्त्ता को ही जाने की अनुमति है. उनके लिए अलग से शिविर बनाए गए हैं. ईवीएम के सबसे करीब बीएसएफ के हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों का पहरा है. ये जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं. सुरक्षा के तीनों घेरों में तैनात सुरक्षाकर्मियों की हर 4 घंटे से ड्यूटी बदली जाती है.

 

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