लैंडस्लाइड हादसे में 310 लोगों की मौत,BMC की रिपोर्ट में ये बड़ा खुलासा
जहां एक तरफ महाराष्ट्र की राजधानी और महानगर मुंबई में बारिश के दौरान अनेकों बार लैंडस्लाइड की घटना हर वर्ष सामने आती है। वहीं इस लैंडस्लाइड की परेशानी से निपटने के लिए BMC और अन्य एजेंसियां पिछले कई वर्ष से कोशिश कर रही हैं, लेकिन अब तक पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही हैं।
देखा जाए तो बीते कुछ वर्षों में चेंबूर, भांडुप, मालाड, विक्रोली, घाटकोपर, अंधेरी, वडाला सहित मुंबई के अन्य हिस्सों में लैंडस्लाइड की घटना सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में साल 1992 से 2023 के बीच लैंडस्लाइड हादसे में 310 लोगों की मृत्यु हुई और 300 से अधिक लोग घायल हुए।
क्या हैं लैंडस्लाइड के कारण
वहीं अब बीती कुछ घटनाओं के बाद BMC ने जब सर्वे किया, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस सर्वे में यह बात सामने आई कि, मुंबई में लैंडस्लाइड इसलिए हो रहा है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में रहने वाले नागरिकों ने पहाड़ियों पर जल निकासी के होल और नालियों को गैरकानूनी निर्माण कर बंद कर दिया था।
वहीं सुरक्षा दीवार से सटा कर गैरकानूनी निर्माण किया गया था। इससे बारिश के दौरान सुरक्षा दीवार के पास जलजमाव हुआ और पहाड़ी के भारी दबाव के चलते यहां लैंडस्लाइड हो गया। वहीं कुछ वर्ष पहले चेंबूर और विक्रोली में ऐसी ही लैंडस्लाइड की घटना में उक्त वजहें पता चलीं। इसीलिए लोगों को पहाड़ियों की ढलान पर जल निकासी के होल और नालियों को भरने से बचने की अपील लगातार भी की जाती रही हैं।
IIT मुंबई का सर्वे
वहीं IIT मुंबई ने वर्ष 2014-15 में मुंबई के पहाड़ी क्षेत्रों का शोध किया था, जहां पहाड़ी खिसकने की पुरजोर संभावना है। वहीं, BMC ने जिऑलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के साथ 74 ऐसे घातक स्थानों का सर्वे किया था। उसमें से 45 स्थानों पर तुरन्त सुरक्षा तरीका करने की सिफारिश की गई थी।
मुंबई में 70% पूरी हुई सुरक्षा दीवार
जानकारी दें कि, तय मुताबिक मुंबई में 700 स्थानों पर सुरक्षा दीवार बनने का काम होना था। इसमें से अब तक 550 स्थानों पर दीवार बनाने का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। वहीं मात्र 140 स्थानों पर सुरक्षा दीवार बनाने का काम बचा हुआ है। यह जानकारी उपनगर के जिलाधिकारी राजेंद्र भोसले ने दी। इस पर लगभग 125 करोड़ रुपये भी खर्च किए जा रहे हैं।