हैदराबाद की पिच पर सानिया मिर्जा देगी असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर
Lok Sabha Elections 2024: राष्ट्र की कद्दावर टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के हैदराबाद में एआईएएमआईएम के कद्दावर नेता असदुद्दीन ओवैसी से सीधे टकराने की आसार जताई जा रही है। हमारे सहयोगी वेबसाइट मनीकंट्रोल के अनुसार हैदराबाद की राजनीति में इस बार कुछ बड़ा होने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा इस बार के चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी को सीधी भिड़न्त दे सकती है। रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पार्टी पार्टी सानिया मिर्जा की लोकप्रियता का लाभ उठाना चाहती है और इस कारण वह हैदराबाद से असदुद्दीन ओवैसी के विरुद्ध उन्हें उतारना चाहती है। यदि ऐसा होता है तो हैदराबाद का मुकाबला बहुत दिलचस्प होने वाला है क्योंकि असदुद्दीन औवेसी पिछले चार चुनाव से लगातार जीतते आ रहे हैं।
अजहरुद्दीन ने दिया है प्रस्ताव
काग्रेस पार्टी के सूत्रों ने समाचार दी है कि पिछले दिनें कांग्रेस पार्टी पार्टी के सेंट्रल इलेक्शन कमिटी की बैठक दिल्ली में हुई थी। इसमें लोकसभा उम्मीदवारों के नामों को आखिरी रूप दिया गया था। इस बैठक में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सानिया मिर्जा को हैदराबाद से टिकट देने का प्रस्ताव दिया था। मोहम्मद अजहरुद्दीन का सानिया मिर्जा के साथ पारिवारिक संबंध है। सानिया मिर्जा की छोटी बहन अनम मिर्जा से अजहरुद्दीन के बेटे असद्दुदीन की विवाह हुई है। हैदराबाद की लोकसभा सीट का खास महत्व है क्योंकि यह समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविध जननांकिय गुणों के लिए जाना जाता है। यह सीट हमेशा से ऑल इण्डिया मजलिस इ इत्तेहाद उल मुसलीमिन ) एआईएमआईएम का गढ़ रही है। हालांकि हाल में यह क्षेत्र कांग्रेस पार्टी के लिए काफी अच्छा साबित हुआ है जिसमें एआईएमआईएम को मजबूत चुनौती मिली है। इस लिहाज से हैदराबाद का मैदान इस बार के लिए बहुत खास हो गया है।
असदुद्दीन ओवैसी का गढ़
इससे पहले आखिरी बार कांग्रेस पार्टी ने हैदराबाद सीट को 1980 में जीती थी जब के एस नारायण यहां से जीते थे। इसके बाद 1984 में सुल्तान सलाहउद्दीन ओवैसी ने निर्दलीय के तौर पर यह सीट जीती थी और बाद में 1989 से 1999 के बीच उन्होंने एआईएमआईएम के टिकट पर यहां से सांसद बने थे। इसके बाद सुल्तान सलाहउद्दीन के बड़े बेटे असदुद्दीन ओवैसी पार्टी का चेहरा बने और तब से वे यहां से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। 2019 के अंतिम लोकसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी को 5.17 लाख वोट मिले थे जो कुल वोट फीसदी का 59 फीसदी है। वहीं कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार फिरोज खान को यहां से केवल 49 हजार ही वोट मिले थे। वैसे तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी पार्टी की गवर्नमेंट है, इसलिए इस बार कांग्रेस पार्टी अपनी इस जीत को हैदराबाद में भुनाना चाहती है। लेकिन यह इतना सरल भी नहीं होगा क्योंकि हैदराबाद लोकसभा के भीतर आने वाली विधानसभा की सीटों में उसे कामयाबी नहीं मिली थी और एआईएमआईएम ने यहां की 7 सीटों में से 6 जीत ली थी जबकि एक सीट पर भाजपा ने अपना परचम लहराया था।
सानिया के लिए चुनौती
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी पार्टी सानिया मिर्जा की लोकप्रियता को भुनाना चाहती है। सानिया मिर्जा हिंदुस्तान देश समिति के भीतर हैदराबाद शहर की ब्रांड एंबेसेडर भी हैं। वैसे वह स्त्री और अल्पसंख्यक समुदाय से हैं तो इस लिहाज से यह कांग्रेस पार्टी के खांचे में फिट बैठ रही है। हालांकि सानिया मिर्जा पर चर्चा होने के बाद एआईएमआईएम के नेताओं ने कोई भी बात कहने से इनकार कर दिया है। उनका मानना है कि हैदराबाद सीट एआईएमआईएम के लिए मुफीद है। शहर के लोगों में भी सानिया मिर्जा का नाम आ जाने के बाद काफी उत्सुकता है। निश्चित तौर पर वे काफी पॉपुलर है लेकिन यदि वे राजनीति की पिच आती हैं तो उनके लिए यह नयी हैं और उनका सामना कद्दावर से होने वाला है। इसलिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।