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सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद पतंजलि ने अखबारों में जारी किया एक नया विज्ञापन

नई दिल्ली: भ्रामक विज्ञापन मुद्दे में उच्चतम न्यायालय से फटकार के बाद पतंजलि ने अखबारों में एक नया विज्ञापन जारी किया है पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने आज यानी बुधवार को अखबारों में एक नया सार्वजनिक माफीनामा जारी किया बता दें कि एक दिन पहले ही यानी मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने अवमानना मुद्दे की सुनवाई करते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या ये उतने ही साइज का माफीनामा है, जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं? क्या आप हमेशा इतने साइज का ही विज्ञापन देते हैं?

स्वामी रामवेद, पतंजलि और बालकृष्ण के नाम से अखबारों में दिए गए माफीनामे में लिखा है, ‘भारत के माननीय सर्वोच्च कोर्ट के समक्ष चल रहे एक मुद्दे के मद्देनजर हम अपनी पर्सनल क्षमता के साथ-साथ कंपनी की ओर से माननीय हिंदुस्तान के सर्वोच्च कोर्ट के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं

पतंजलि के नए माफीनामे में क्या-क्या है?
पतंजलि ने ‘बिना शर्त सार्वजनिक माफी’ के नाम से अखबारों में बड़े आकार में माफीनामा छपवाया है इसमें लिखा है, ‘भारत के माननीय सर्वोच्च कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण के संदर्भ में माननीय सर्वोच्च न्यायलय के निर्देशों/ आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए हम पर्सनल रूप से, साथ ही कंपनी की ओर से बिना शर्त क्षमायाची हैं

हम विगत 22.11.2023 को बैठक/ संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के लिए भी क्षमाप्रार्थी हैं हम अपने विज्ञापनों के प्रकाशन में हुई गलती के लिए भी ईमानदारी से क्षमा चाहते हैं और पूरे मन से प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं कि ऐसी त्रुटियों की पुनरावृति नहीं होगी हम पूरी सावधानी और अत्यंत निष्ठा के साथ माननीय कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं हम कोर्ट की महिमा का सम्मान बनाए रखने और लागू कानूनों एवं माननीय न्यायालय/ संबंधित ऑफिसरों के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं

निवेदक
पतंजलि आर्युवेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण, स्वामी रामदेव’

मंगलवार की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा?
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में हुई मुद्दे की सुनवाई के दौरान योगगुरु रामदेव और उनके सहयोगी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के बालकृष्ण ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ को कहा था कि उन्होंने भ्रामक विज्ञापनों पर 67 समाचार पत्रों में बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगी है और वे अपनी गलतियों के लिए बिना शर्त माफी मांगते हुए अतिरिक्त विज्ञापन भी जारी करना चाहते हैं इसके बाद पीठ ने बोला कि अखबारों में प्रकाशित सार्वजनिक माफी रिकॉर्ड पर नहीं है और यह दो दिन के भीतर दाखिल की जाए इसने मुद्दे में अगली सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी

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