साक्षी महाराज : अगर नरेंद्र मोदी हिंदू नहीं तो हिंदुस्तान में…
Sakshi Maharaj: अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा के फायर ब्रांड सांसद साक्षी महराज ने आज अपने उन्नाव संसदीय कार्यालय से एक बार फिर विपक्षीयों को मुंह तोड़ उत्तर दिया है। उन्होंने बीजेपी को लेकर बयानबाजी को देखते हुए खुलकर अपनी बात कही। जानिए क्या कहे साक्षी महाराज।
‘अगर नरेंद्र मोदी हिंदू नहीं तो हिंदुस्तान में कोई हिंदू नहीं’
वहीं जब उनसे लालू प्रसाद यादव के द्वारा की गई टिप्पणी (कि ‘नरेंद्र मोदी हिंदू नहीं हैं’) को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया कि यदि नरेंद्र मोदी हिंदू नहीं तो हिंदुस्तान में कोई हिंदू नहीं है, चारा खाने वाले के पास इतनी बुद्धि हो सकती है जितनी लालू प्रसाद यादव के पास है।
‘आचार संहिता लगते ही तार-तार हो जाएगा इण्डिया गठबंधन’
वहीं जब उनसे इण्डिया गठबंधन की सीट के बंटवारे को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया कि चुनाव की आचार संहिता लगते ही यह गठबंधन तार-तार हो जाएगा और यदि कुछ रह भी जाएगा तो वह चुनाव में गायब हो जाएगा। वहीं जब उनसे कांग्रेस पार्टी पार्टी के एक नेता द्वारा पीएम के 400 पार वाले बयान पर की गई टिप्पणी पर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया कि पीएम मोदी ने पिछले दस वर्षों में जो कार्य किया है और 140 करोड़ लोगों की भरोसे के आधार पर मोदी जी ने चार सौ पार का नारा दिया है।
इंडिया गठबंधन को लेकर उन्होंने बोला कि यह घमंडियां गठबंधन है और जैसे ही चुनाव आएगा यह लाल तार हो जाएगा तो वह धीरे-धीरे सारा का सारा भिन्न-भिन्न होते चले जा रहे हैं। आप देखिएगा जैसे ही निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होगी आपको यह इण्डिया गठबंधन हिंदुस्तान में देखने को नहीं मिलेगा।
‘जितने लोगों के सर होते हैं उतनी उस तरह की बात करते हैं’
उन्होंने बोला कि मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना कुंडे कुंडे नवं पयः। जातौ जातौ नवाचाराः नवा वाणी मुखे मुखे ।। मतलब जितने लोगों के सर होते हैं उतनी उस तरह की बात करते हैं मोदी जी ने 10 वर्षों में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका कोशिश इस महामंत्र के साथ हिंदुस्तान के 140 करोड़ लोगों को अपना परिवारजन मानकर जो प्यार-दुलार और विकास का कार्य किया है। तो उस अपने आत्मविश्वास के आधार पर और 140 करोड़ लोगों के भरोसे के आधार पर 400 बार का नारा दिया है। हिंदुस्तान विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां जो कुछ होगा वह लोकतांत्रिक ढंग से होगा। लोग क्या-क्या कयास लगाते हैं उसका कोई अर्थ नहीं है।