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संतोष पाण्डेय के मुकाबले में कांग्रेस ने भूपेश बघेल को बनाया अपना उम्मीदवार ,जानें कौन मार सकता है बाजी

छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट को बीजेपी के गढ़ के रूप में जाना जाता है. यहां से पूर्व सीएम डाक्टर रमन सिंह सांसद रह चुके हैं. उसके बाद बीजेपी नेता प्रदीप गांधी और रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह भी सांसद रह चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार बदल दिये थे जिसके बाद पार्टी की राज्य इकाई के नेता संतोष पाण्डेय को उम्मीदवार बनाया गया. संतोष पाण्डेय ने कभी अपने लिये टिकट नहीं मांगा था इसलिए उन्हें भी आश्चर्य हुई जब उनका नाम उम्मीदवारों की सूची में आ गया. मोदी लहर में संतोष पाण्डेय ने राजनांदगांव सीट को बीजेपी की झोली में डाल दिया. उनकी जीत का अंतर लगभग सवा लाख वोट था. इस बार बीजेपी ने उन्हें फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. संतोष पाण्डेय के मुकाबले में कांग्रेस पार्टी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को अपना उम्मीदवार बनाया है.

 

कांग्रेस ने जब यह देखा कि यहां बीजेपी उम्मीदवार भारी पड़ रहे हैं तो उसने इस चुनावी लड़ाई को सवर्ण बनाम पिछड़ा बनाने का कोशिश किया लेकिन जब हमने यहां लोगों से बात की तो उन्होंने बोला कि यहां से बीजेपी जीतती रही है और इस बार भी ऐसा ही होगा. हमने अपनी चुनाव यात्रा के दौरान पाया कि इस क्षेत्र में लोग इस बात से अधिक खुश थे कि अयोध्या में ईश्वर राम लला का भव्य मंदिर बन गया है. हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ ईश्वर श्रीराम का ननिहाल है इसलिए जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई तो समूची दुनिया की तरह यहां के लोगों की खुशी का ठिकाना भी नहीं रहा था. यहां गवर्नमेंट ने अयोध्या दर्शन की योजना भी प्रारम्भ की है और मतदाताओं को विश्वास है कि चुनाव संपन्न होने के बाद जब आचार संहिता हटेगी तो राज्य गवर्नमेंट उन्हें भी अयोध्या दर्शन करायेगी.

हमने पाया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने मोदी की जिन गारंटियों की बात की थी उन्हें तेजी के साथ पूरा किया गया है. सिलेंडर सस्ता करने की बात हो, महतारी वंदन योजना के अनुसार अब तक दो किश्तों का पैसा लोगों को मिलने की बात हो, किसानों को उनकी उपज का ठीक मूल्य देने की बात हो…भाजपा गवर्नमेंट ने हर उस वादे को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है जो चुनावों के दौरान किये गये थे. इसीलिए लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने जो अपना संकल्प पत्र जारी किया है उस पर जनता का प्रबल विश्वास हमें नजर आया. खासतौर पर 70 वर्ष के सभी बुजुर्गों को जिस तरह आयुष्मान हिंदुस्तान योजना का फायदा देने की बात कही गयी है उसका असर भी मतदाताओं पर देखने को मिला.

 

जब हमने बीजेपी उम्मीदवार संतोष पाण्डेय से बात की तो उन्होंने बोला कि ईश्वर की अनुकम्पा है कि कांग्रेस पार्टी ने मेरे विरुद्ध भूपेश बघेल को उतार दिया. उन्होंने बोला कि चार महीने पहले विधानसभा चुनावों में भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी के असंतोष की वजह से हारे थे और अब वह बीजेपी के संतोष से हारेंगे. उन्होंने बोला कि सीएम रहते हुए राजनांदगांव के साथ सौतेला व्यवहार करने वाले भूपेश बघेल किस मुंह से यहां चुनाव लड़ने आये हैं. उन्होंने बोला कि उन्होंने यहां के कई सरकारी कार्यालयों को अपने जिले में स्थानांतरित करने का काम किया. उन्होंने बोला कि बीजेपी ने इस क्षेत्र के लिए जो काम किया है खासतौर पर पिछले पांच वर्षों में जिस तरह कई केंद्रीय परियोजनाएं इस क्षेत्र में लाई गयीं उससे इस क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर बदली है. उन्होंने बोला कि भूपेश बघेल महादेव एप भ्रष्टाचार मुद्दे में आरोपी हैं और इस क्षेत्र की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी.

वहीं भूपेश बघेल का बोलना है कि इस क्षेत्र की जनता कांग्रेस पार्टी को चाहती है और वह तब परिलक्षित हो गया था जब कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र में बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया था. हम आपको बता दें कि राजनांदगांव की आठ विधानसभा सीटों में से छह कांग्रेस पार्टी के पास हैं जबकि एक सीट अजित जोगी की कांग्रेस पार्टी के पास है. एक सीट पर बीजेपी का विधायक है. माना जाता है कि इस क्षेत्र में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए ही भूपेश बघेल ने चुनाव लड़ने के लिए इस सीट को चुना है. भूपेश बघेल का बोलना है कि उनके सियासी और प्रशासनिक अनुभव का फायदा इस क्षेत्र को मिलेगा इसलिए जनता को चाहिए कि वह उनका समर्थन करे. जब हमने जनता के बीच जाकर बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के बारे में राय ली तो अधिकतर मतदाताओं का झुकाव बीजेपी की ओर दिखा. जो लोग भूपेश बघेल को बड़ा नेता बता रहे थे उन्होंने भी यह माना कि जीतेगा तो मोदी ही. हमने पाया कि आदिवासी और पिछड़े बहुल इस क्षेत्र में पीएम मोदी के प्रति जनता का एक अलग ही प्रेम है और उसके चलते संतोष पाण्डेय की राह सरल दिख रही है.

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