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शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए भारत-चीन देशों के रिश्ते होने चाहिए बेहतर :PM Modi

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने बोला कि सीमा प्रश्न भारत-चीन संबंधों की संपूर्णता का अगुवाई नहीं करता है. इसे द्विपक्षीय संबंधों में मुनासिब रूप से रखा जाना चाहिए और ठीक से प्रबंधित किया जाना चाहिए. माओ ने आगे बोला कि नयी दिल्ली और बीजिंग राजनयिक और सेना चैनलों के माध्यम से निकट संचार में हैं. हमें आशा है कि हिंदुस्तान चीन के साथ समान दिशा में काम करेगा, द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाइयों और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से संभालेगा, आपसी विश्वास बढ़ाएगा, वार्ता और योगदान पर कायम रहेगा, मतभेदों को ठीक से संभालेगा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और स्थिर रास्ते पर आगे बढ़ाएगा.

चीन ने सीमा टकराव के कारण तनावपूर्ण दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की पीएम मोदी की टिप्पणी पर गुरुवार को प्रतिक्रिया व्यक्त की. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बोला कि चीन ने प्रधान मंत्री की टिप्पणियों पर ध्यान दिया है. उन्होंने बोला कि हमारा मानना ​​है कि मजबूत और स्थिर चीन, हिंदुस्तान संबंध दोनों पक्षों के साझा हितों की पूर्ति करते हैं और क्षेत्र और उससे परे शांति और विकास के लिए अनुकूल हैं.

पीएम मोदी ने विदेशी मैगजीन को दिए साक्षात्कार में बोला कि सीमा पर शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए दोनों राष्ट्रों के संबंध बेहतर होने चाहिए. ये मेरा मानना है कि लंबे समय से चली आ रही सीमाओं की स्थिति पर तुरन्त वार्ता करने की आवश्यकता है ताकी हमारी द्विपक्षीय वार्ता में मतभेंदों को पीछे छोड़ा जा सके. हिंदुस्तान और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न सिर्फ़ दोनों राष्ट्रों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अहम है. मुझे आशा और विश्वास है कि राजनयिक और सेना स्तर पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय जुड़ाव के माध्यम से हम अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने बोला कि सीमा प्रश्न भारत-चीन संबंधों की संपूर्णता का अगुवाई नहीं करता है. इसे द्विपक्षीय संबंधों में मुनासिब रूप से रखा जाना चाहिए और ठीक से प्रबंधित किया जाना चाहिए. माओ ने आगे बोला कि नयी दिल्ली और बीजिंग राजनयिक और सेना चैनलों के माध्यम से निकट संचार में हैं. हमें आशा है कि हिंदुस्तान चीन के साथ समान दिशा में काम करेगा, द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक ऊंचाइयों और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से संभालेगा, आपसी विश्वास बढ़ाएगा, वार्ता और योगदान पर कायम रहेगा, मतभेदों को ठीक से संभालेगा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत और स्थिर रास्ते पर आगे बढ़ाएगा.

 

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